9 करोड़ की ठगी का मामला- आरोपितों को प्रोडक्शन वारंट पर ले गई यमुनानगर पुलिस

करीब 9 करोड़ रुपये की कथित ठगी के मामले में आरोपितों से अब यमुनानगर पुलिस पूछताछ करेगी। सीआइए वन ने उन्हें पांच दिन के पुलिस रिमांड के बाद अदालत में पेश किया जहां से यमुनानगर पुलिस ने उन्हें प्रोडक्शन वारंट पर ले लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Oct 2020 06:30 AM (IST) Updated:Sun, 11 Oct 2020 06:30 AM (IST)
9 करोड़ की ठगी का मामला- आरोपितों को प्रोडक्शन वारंट पर ले गई यमुनानगर पुलिस
9 करोड़ की ठगी का मामला- आरोपितों को प्रोडक्शन वारंट पर ले गई यमुनानगर पुलिस

जागरण संवाददाता, करनाल : करीब 9 करोड़ रुपये की कथित ठगी के मामले में आरोपितों से अब यमुनानगर पुलिस पूछताछ करेगी। सीआइए वन ने उन्हें पांच दिन के पुलिस रिमांड के बाद अदालत में पेश किया, जहां से यमुनानगर पुलिस ने उन्हें प्रोडक्शन वारंट पर ले लिया है।

रिमांड के दौरान सीआइए उनसे पांच लाख रुपये की रिकवरी कर पाई है जबकि 9 करोड़ 21 लाख 94 हजार 777 रुपए ठगने का आरोप है। बता दें कि फूड कंपनी के एमडी सिद्धार्थ के साथ तीनों आरोपितों में शामिल केवल कृष्ण, दिव्यार्थ पांच दिन के पुलिस रिमांड पर चल रहे थे। वहीं इस मामले में पांच और आरोपितों की गिरफ्तारी बाकी है । जांच अधिकारी एसआई रमेश चंद्र के अनुसार वर्ष 2018 में न्यायालय के आदेशानुसार थाना बुटाना में गुलशन सचदेवा निवासी गांव सांवत की शिकायत पर शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड समानाबाहू के एमडी सिद्धार्थ सहित 9 लोगों के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था। इसके बाद मामले की जांच सीआईए वन को दे दी गई थी।

शिकायत के अनुसार आरोप है कि शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड कंपनी के मालिकों द्वारा वर्ष 2014-15 व 2015-16 में उनसे व निगदू अनाज मंडी के कई आढ़तियों से 57 हजार क्विटल धान की खरीद की गई, जिसका कुछ भुगतान दिया गया, लेकिन बाद में भुगतान रोक लिया गया, जिसे देने की मांग पर धमकी दी जाने लगी। बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता व अन्य आढ़तियों का 9 करोड़ 21 लाख 94 हजार 777 रुपए का बकाया है। पुलिस ने चार अक्तूबर को दिल्ली से केवल कृष्ण, सिद्धार्थ कुमार, दिव्यार्थ कुमार निवासी दिल्ली को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें कोर्ट में पेश कर पांच दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया था।

करनाल में दर्ज हैं 28 मामले

पुलिस के अनुसार करनाल में आरोपित के खिलाफ 28 मामले दर्ज हैं जबकि जिला यमुनानगर में 100 व पानीपत में 18 मामले दर्ज हैं। उक्त मामले 138 एनआई एक्ट के तहत न्यायालयों में लम्बित मामलों में उद्घोषित आरोपी घोषित होने के बाद दर्ज किए गए थे।

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