चीनी बालाओं को दी थी शिकस्त, निष्ठा का अब चीन से आए वायरस को हराने का टारगेट

निष्ठा का जज्बा काबिल-ए-तारीफ है। उसने कभी वर्ल्ड रोलर डर्बी में चीन की लड़कियों को शिकस्त दी थी। अब वह कोरोना को शिकस्त देने के लिए सेवा भारती के साथ मिलकर काम कर रही है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Wed, 06 May 2020 08:59 PM (IST) Updated:Wed, 06 May 2020 08:59 PM (IST)
चीनी बालाओं को दी थी शिकस्त, निष्ठा का अब चीन से आए वायरस को हराने का टारगेट
चीनी बालाओं को दी थी शिकस्त, निष्ठा का अब चीन से आए वायरस को हराने का टारगेट

करनाल [पवन शर्मा]। पिछले बरस का वह दिन निष्ठा को रह-रहकर याद आ रहा है, जब स्पेन की सरजमीं पर उसने अपनी पूरी टीम के साथ मिलकर चीनी बालाओं को शिकस्त दी थी। आज कमोबेश उसी जोश और जज्बे के साथ करनाल की यह होनहार बिटिया कोरोना से जंग लड़ने वालों के लिए बेहद खास डबल लेयर कॉटन मास्क बना रही है। बकौल निष्ठा, चीन की सरहदों से बाहर निकलकर अब पूरी दुनिया में कहर बरपा रहे इस वायरस को मात देनी है तो खेल भावना से प्रेरित होकर तमाम देशवासियों को निर्णायक लड़ाई लड़नी ही होगी।

करनाल के सदर बाजार इलाके में रह रहे गोपालकृष्ण शर्मा का पूरा परिवार सेवा भारती से जुड़ा है। इन दिनों कोरोना से जंग में सेवा भारती के आह्वान पर परिवार के सभी सदस्य कॉटन मास्क तैयार कर रहे हैं। घर में अनूठा नजारा है, जहां एक ओर 97 वर्षीय दादी विद्यावंती अपनी 76 वर्ष पुरानी सिलाई मशीन पर मास्क बना रही हैं तो स्वयं गोपाल और उनकी पत्नी कृतिका सहित तीनों बच्चे भी पूरे समर्पण भाव के साथ दिन-रात मास्क तैयार करके देश के प्रति अपना फर्ज निभाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे।

गोपालकृष्ण की बड़ी बेटी निष्ठा चंडीगढ़ में पढ़ती है, लेेेकिन होली पर छुट्टियों में आने के बाद अचानक हालात ऐसे बदले कि वह यहीं रह गई। निष्ठा ने बताया कि एनसीसी कैडेट होने के नाते उसने रक्षा क्षेत्र में जाकर देश सेवा का लक्ष्य पहले ही निर्धारित किया हुआ है। मगर जिस तरह कोरोना अदृश्य शत्रु बनकर पूरी दुनिया में खौफ ढा रहा है, उसे मात देने के लिए वह तमाम देशवासियों के साथ हर पल तैयार है।

निष्ठा ने गत वर्ष स्पेन के बार्सिलोना में वर्ल्ड रोलर डर्बी में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उसने टीम के साथ बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में पहुंचकर चीनी खिलाड़ियोंं को करारी शिकस्त दी थी। निष्ठा पर्वतारोहण में भी गहरी रुचि रखती हैं और उसने उत्तरकाशी स्थित नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनिरिंग के लिए गंगोत्री अभियान में हिस्सा लिया था। चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में मानवशास्त्र की पढ़ाई कर रही निष्ठा की बहन नुपूर व भाई हार्दिक भी होनहार हैं और सभी मिलकर सेवा भारती के लिए दिन-रात मास्क तैयार कर रहे हैं।

हजारों मास्क किए तैयार

कोरोना से जंग में प्राथमिक संक्रमण रोकने में मास्क अहम सुरक्षा कवच साबित हो रहे हैं। इसी पहलू के दृष्टिगत सेवा भारती ने तमाम गांवों, शहरों में फैले विशाल नेटवर्क के जरिए बड़ी संख्या में मास्क बनवाए। निष्ठा व उसका पूरा परिवार इसी के तहत अब तक हजारों मास्क तैयार कर चुका है। सेवा भारती के कपिल अत्रेजा बताते हैं कि निष्ठा सहित सेवा भारती की तमाम बेटियां महामारी से महायुद्ध में अतुल्य योगदान दे रही हैं। हौसले का यही हथियार कोरोना का खात्मा करेगा।

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