सीवन के तालाबों में विषैलों कीटों का बसेरा, बीमारी का भय

कस्बा के तालाब जो कभी सीवन की शान हुआ करते थे लेकिन आज गंदगी का तालाब बनकर रह गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Sep 2020 06:40 AM (IST) Updated:Thu, 10 Sep 2020 06:40 AM (IST)
सीवन के तालाबों में विषैलों कीटों का बसेरा, बीमारी का भय
सीवन के तालाबों में विषैलों कीटों का बसेरा, बीमारी का भय

संवाद सहयोगी, सीवन : कस्बा के तालाब जो कभी सीवन की शान हुआ करते थे, लेकिन आज गंदगी का तालाब बनकर रह गए हैं। स्वर्ग द्वार मंदिर तालाब, दशाश्वमेध का तालाब, माइसर तालाब, सोथा रोड, नीमवाला तालाब जो कभी साफ जल से लबालब भरे रहते थे। आज इनमें नगर की गंदगी उड़ेली जा रही है और साथ ही इन तालाबों में अब जलखुंभी का राज हो गया है। कभी तालाबों के साफ स्वच्छ जल में तैराकी की प्रतियोगिता हुआ करती थी। पेड़ों से तैराक छलांग मारते व पाल तक की दौड़ लगती थी। श्री कृष्ण जन्माष्टमी, होली जैसे पर्व पर श्रद्धालु मंदिरों की पूजा कर तालाबों में जहां जनाना व मर्दाना घाट बने होते थे, स्नान करते थे। गांव का पशुधन गर्मी में नहा कर पानी पी कर खुशहाल रहते थे। धीरे-धीरे बरसात के साथ पॉलीथिन की गंदगी तालाबों की सतह पर बैठती गई और भूमिगत जल रिचार्ज बंद हो गया। जनस्वास्थ्य विभाग के लगे 14 नलकूप का पानी तालाबों में गाद में बैठ गए। उसके बाद जलकुंभी ने तालाबों पर अपना कब्जा जमा लिया है। ग्राम पंचायत कई बार इन तालाबों से जलकुंभी निकलवा चुकी है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। समाजसेवी रवि सैनी, सुभाष गर्ग, मोहित बंसल, राजेश रहेजा, विक्की आहुजा, नरेश मित्तल, विजय सरदाना, भीषू चौधरी ने कहा कि जो तालाब ऐतिहासिक व पौराणिक है, जिनकी महत्ता मंदिरों के साथ जुड़ी हुई है। पक्का करके तालाबों की सफाई कर उनमें स्वच्छ जल भरवाया जाए।

chat bot
आपका साथी