दूसरी बार रद हुई नप कृषि भूमि की बोली प्रक्रिया

नगर परिषद की 11 एकड़ कृषि भूमि की बोली प्रक्रिया दूसरी बार भी रद हो गई। वीरवार को 11 एकड़ भूमि जिसमें पांच एकड़ पट्टी कायस्थ सेठ और छह एकड़ पट्टी चौधरी स्थित जमीन को लेकर एसडीएम कार्यालय में बोली रखी गई थी। बोली प्रक्रिया में एसडीएम डा. संजय और नप ईओ रविद्र सिंह ने भाग लिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 07:58 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 07:58 AM (IST)
दूसरी बार रद हुई नप कृषि भूमि की बोली प्रक्रिया
दूसरी बार रद हुई नप कृषि भूमि की बोली प्रक्रिया

जागरण संवाददाता, कैथल : नगर परिषद की 11 एकड़ कृषि भूमि की बोली प्रक्रिया दूसरी बार भी रद हो गई। वीरवार को 11 एकड़ भूमि, जिसमें पांच एकड़ पट्टी कायस्थ सेठ और छह एकड़ पट्टी चौधरी स्थित जमीन को लेकर एसडीएम कार्यालय में बोली रखी गई थी। बोली प्रक्रिया में एसडीएम डा. संजय और नप ईओ रविद्र सिंह ने भाग लिया।

पांच एकड़ जमीन की बोली देने वाला कोई आया ही नहीं और छह एकड़ जमीन की कम बोली होने के कारण ठेके पर नहीं दी जा सकी। दोनों जगहों पर 30 मई को ठेका खत्म हो चुका है। इससे पहले भी सात जुलाई को बोली प्रकिया की गई थी, लेकिन वह भी विवाद के कारण रद हो गई थी। बता दें कि सात जुलाई को नप ने 17 एकड़ की बोली रखी थी, लेकिन नंदीशाला पाधिकारियों ने बोली करवाए जाने पर नंदीशाला का संचालन छोड़ने की बात कही थी। पट्टी कायस्थ सेठ नंदीशाला के पास नप की 17 एकड़ जमीन थी। अब इस जमीन में से 12 एकड़ भूमि नंदीशाला को देने की तैयारी चल रही है। ऐसे में वहां अब पांच एकड़ जमीन ही रह गई है।

करीब दस लाख की होती थी आमदनी

नगर परिषद को दोनों स्थानों की कृषि भूमि से करीब दस लाख रुपये की सालाना आमदनी होती थी। अब अगर भूमि ठेके पर नहीं जाती है तो नगर परिषद को आर्थिक नुकसान होगा। 17 एकड़ से साढ़े सात लाख और छह एकड़ से ढाई लाख रुपये मिलते थे। अब 17 एकड़ की जगह पांच एकड़ जमीन रह गई है, जिसे कोई ठेके पर लेने को राजी नहीं हो रहा है।

नप की 11 एकड़ कृषि भूमि को ठेके पर देने के लिए बोली रखी गई थी। नंदीशाला के पास पांच एकड़ जमीन लेने के लिए कोई नहीं आया और पट्टी चौधरी स्थित छह एकड़ जमीन की बोली कम लगने के कारण बोली रद हो गई है। इस बारे में उच्च अधिकारियों से विचार-विमर्श करके आगामी कार्रवाई की जाएगी।

रविद्र सिह, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद।

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