संस्थापक प्रेम जैन के स्मृति दिवस पर खोला सिलाई सेंटर

सुपा‌र्श्व जैन समिति की तरफ से सुपा‌र्श्व जैन स्कूल के संस्थापक दिवंगत शिक्षाविद् प्रेम जैन एवं विक्रम सैन जैन के स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में सराफा बाजार में सामाजिक कार्यों की एक नई पहल करते हुए सिलाई सेंटर खोला।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 06:54 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 06:54 AM (IST)
संस्थापक प्रेम जैन के स्मृति  दिवस पर खोला सिलाई सेंटर
संस्थापक प्रेम जैन के स्मृति दिवस पर खोला सिलाई सेंटर

जागरण संवाददाता, कैथल : सुपा‌र्श्व जैन समिति की तरफ से सुपा‌र्श्व जैन स्कूल के संस्थापक दिवंगत शिक्षाविद् प्रेम जैन एवं विक्रम सैन जैन के स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में सराफा बाजार में सामाजिक कार्यों की एक नई पहल करते हुए सिलाई सेंटर खोला। इसमें संस्था को 40 साल तक अपनी सेवाएं दे चुकी कर्मचारी निर्मला देवी ने रिबन काट कर शुरू किया। इसके तहत महिलाओं और लड़कियों के लिए सिलाई के साथ-साथ कढ़ाई, क्रोशिया, ऊन से बुने जानी वाली वस्तुओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा और ब्यूटी पार्लर की भी सभी विधाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही कामकाजी महिलाओं के छोटे छोटे बच्चों के लिए प्ले स्कूल एवं डे केयर सेंटर की भी शुरूआत की है। इसके साथ-साथ ऐसे ट्यूशन सेंटर का पदार्पण भी किया गया, जिसमें बहुत ही कम शुल्क में सीबीएसई बोर्ड एवं स्टेट बोर्ड की शिक्षा प्रदान की जाएगी। सभा द्वारा पहले से ही डांस एकेडमी चलाई जा रही है, जिसके तहत प्रतिभा खोज कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की गई। डीसी सुजान सिंह ने भी इस कार्य के लिए बधाई दी।

समिति की प्रधान प्रज्ञा पाशा जैन ने बताया कि संस्था ने 20 गरीब परिवारों के बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी ली है। बताया कि राज्यस्तरीय टेलेंट सर्च प्रोग्राम का ऑनलाइन सफल आयोजन किया गया। इसमें लगभग 400 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

नरेंद्र चंचल को कभी भी नहीं भूला पाएंगे प्रशंसक

संवाद सहयोगी, सीवन : मशहूर भजन गायक नरेंद्र चंचल देश में अपनी आवाज का लोहा मनवाने वाले चंचल को उसके प्रशंसक भूला नहीं पाएंगे। सीवन के टी सीरीज कलाकार मोहन लाल चुटानी ने नरेंद्र चंचल के देहावसन पर शोक व्यक्ति किया। मोहन लाल चुटानी ने बताया कि नरेंद्र चंचल को कभी अपनी आवाज पर गुरूर नहीं था, वह छोटे कलाकार का भी पूरा सम्मान करते थे और उसका मार्गदर्शन भी। गलती होने पर उन्हें बड़े प्यार से समझाते थे। उनके साथ रहने वाले साजिदों को भी अपने परिवार जैसा प्यार देते थे। मोहल लाल ने बताया कि उन्होंने नरेंद्र चंचल से बहुत कुछ सीखा है। उनके जाने के बाद उन्हें ऐसे लग रहा है कि जैसे उन्होंने अपना कोई बहुत ही प्यारा व नजदीक मिलने वाला खो दिया है जिन्हें वह कभी भी भूला न पाएंगे।

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