सरकारी स्कूलों को सोलर सिस्टम से जगमग करने की योजना अटकी

सरकारी स्कूलों को सोलर सिस्टम लगाकर जगमग करने की योजना पिछले लंबे समय से कागजों में ही अटकी हुई है। पिछले डेढ़ साल में चार से पांच बार शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों से लोड और एरिया के अनुसार डाटा भी जुटाया। सरकारी स्कूलों को सोलर सिस्टम लगाकर जगमग करने की योजना पिछले लंबे समय से कागजों में ही अटकी हुई है। पिछले डेढ़ साल में चार से पांच बार शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों से लोड और एरिया के अनुसार डाटा भी जुटाया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Sep 2018 10:37 PM (IST) Updated:Mon, 03 Sep 2018 10:37 PM (IST)
सरकारी स्कूलों को सोलर सिस्टम से  जगमग करने की योजना अटकी
सरकारी स्कूलों को सोलर सिस्टम से जगमग करने की योजना अटकी

जागरण संवाददाता, कैथल : सरकारी स्कूलों को सोलर सिस्टम लगाकर जगमग करने की योजना पिछले लंबे समय से कागजों में ही अटकी हुई है। पिछले डेढ़ साल में चार से पांच बार शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों से लोड और एरिया के अनुसार डाटा भी जुटाया।

बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग की तकनीकी ¨वग ने उत्कर्ष सोसाइटी के साथ मिलकर सोलर सिस्टम लगाने का पूरा खाका तैयार कर लिया था, लेकिन बजट के कारण यह मामला ठंडा पड़ गया। अब शिक्षक और स्कूल भी सरकार के सोलर सिस्टम की उम्मीद छोड़ चुके हैं।

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ग्रामीण क्षेत्र में स्कूलों

में होती है परेशानी

जिला में 594 स्कूल हैं, जिनमें से 372 प्राथमिक, 73 माध्यमिक, 42 उच्च और 107 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल हैं। खास बात ये है कि इनमें से 90 प्रतिशत स्कूल ग्रामीण क्षेत्र में ही आते हैं, जहां पूरे दिन में बिजली मात्र दो घंटे ही बमुश्किल मिलती है। गर्मियों में तो विद्यार्थियों और शिक्षकों को बिना पंखों के पसीने से तरबतर होकर पढ़ाई करना होता है। इसके अलावा कंप्यूटर लैब में और साइंस लैब में उपकरण लाइट नहीं होने से धूल फांक रहे हैं। लाइट नहीं होने से स्कूल में अन्य काम भी प्रभावित होते हैं।

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पहले एजुसेट अब स्मार्ट

कक्षाएं भी अधर में

बच्चों को आधुनिक और गुणवत्ता परक शिक्षक देने के लिए स्कूलों में पहले एजुसेट लगाए गए थे और स्मार्ट कक्षाओं जैसे प्रोजेक्ट पिछले कुछ समय से शुरू किए जा रहे हैं। खास बात ये है कि बिना लाइट ये उपकरण बेकार हैं। चार्जिंग नहीं होने से यूपीएस और बैटरी भी जल्द ही काम करना छोड़ देती हैं। एजुसेट की असफलता इसका बड़ा उदाहरण है।

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पंचायतों के सहयोग से

लगवा रहे सिस्टम

जिला के कुछ स्कूलों में पंचायतों के सहयोग से सोलर सिस्टम लगाए गए हैं, लेकिन यह स्कूल के सभी एरिया में सप्लाई करने के लायक नहीं है। इनसे ¨प्रसिपल और स्टाफ कार्यालयों के पंखों व कुछ जरूरी काम के लिए एकाध कंप्यूटर ही चलाने का कार्य किया जा रहा है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य सचिव सतबीर गोयत ने कहा कि सोलर सिस्टम लगाना एक अच्छी पहल है। इसको जल्द से जल्द सभी स्कूलों में लागू करने की जरूरत है। अब तो बिजली विभाग कुछ दिन भी बिल जमा करने में लेट जो जाए तो कनेक्शन काट देते हैं, जिससे परेशानी और बढ़ जाती है।

वर्जन

योजना ठंडे बस्ते में नहीं है। प्रदेश के सभी स्कूलों में सोलर सिस्टम लगाने की पहले तैयारी की जा रही थी। अब इसको चरणबद्ध तरीके से लागू करने के प्रयास हैं। आने वाले कुछ समय में स्कूलों में सोलर सिस्टम लगाने का काम शुरूकर दिया जाएगा।

- जो¨गद्र ¨सह हुड्डा, जिला शिक्षा अधिकारी कैथल।

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