Kaithal: आरोपितों को पकड़ने दो बार कोलकाता गई थी सीआइए-वन की टीम, 22 दिन से जारी है कार्रवाई

Kaithal कोलकाता से आठ आरोपितों को गिरफ्तार करके सीआइए-वन की टीम ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सीआइए-वन की टीम लगातार 22 दिनों से इस मामले में कार्रवाई कर रही थी। गिरोह के सदस्यों को पकड़ने के लिए दो बार में कैथल से टीम को कोलकाता भेजा गया था।

By Sunil KumarEdited By: Publish:Sat, 26 Nov 2022 11:27 PM (IST) Updated:Sat, 26 Nov 2022 11:27 PM (IST)
Kaithal: आरोपितों को पकड़ने दो बार कोलकाता गई थी सीआइए-वन की टीम, 22 दिन से जारी है कार्रवाई
Kaithal: आरोपितों को पकड़ने दो बार कोलकाता गई थी सीआइए-वन की टीम, 22 दिन से जारी है कार्रवाई : जागरण

कैथल, जागरण संवाददाता: कोलकाता से आठ आरोपितों को गिरफ्तार करके सीआइए-वन की टीम ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सीआइए-वन की टीम लगातार 22 दिनों से इस मामले में कार्रवाई कर रही थी।

कोलकाता बैठे गिरोह के सदस्यों को पकड़ने के लिए दो बार में कैथल से टीम को कोलकाता भेजा गया था। जो पहले टीम गई थी उनके साथ आरोपित देसाई सहित चार गिरोह के सदस्य शामिल थे। वहां जाने के बाद पुलिस को सूचना मिली थी कि गिरोह ने कुछ महिलाओं को भी बंधक बनाया हुआ है। उसके बाद एक महिला पुलिस कर्मचारी के साथ टीम को दोबारा भेजा गया था।

गिरोह का मुख्य सरगना सुनील केजरीवाल अभी फरार है। वह विदेश न भाग जा इसके लिए भी पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीम दोबारा से भी कोलकाता जा सकती है। जिन आठ बदमाशों को पकड़ा गया है, उनका पुलिस रिमांड हासिल किया जाएगा। पकड़े गए आरोपितों से करीब सवा दो लाख रुपये और एक इनोवा गाड़ी बरामद की गई है। इसी गाड़ी से बंधक युवाओं को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जाता था।

कोलकाता जाने वाली टीम में एएसआइ राजबीर, एएसआइ धर्म सिंह, हेड कांस्टेबल तरसेम, हेड कांस्टेबल मनीष, हेड कांस्टेबल सुनील, हेड कांस्टेबल मनोज, सिपाही संदीप, सिपाही सौरभ, सिपाही बूटा सिंह, ईएचसी देवेंद्र, ईएचसी जगबीर और महिला हेड कांस्टेबल सुदेश शामिल रही।

सीआइए-वन इंचार्ज एसआइ बीरभान भी टीम के साथ जुड़े रहे। पहले भी चर्चा में रह चुकी है कैथल पुलिस कैथल पुलिस पहले भी बड़े-बड़े आरोपितों को पकड़ चुकी है। साल 2007 में भी कैथल पुलिस की चर्चा पूरे देश में हुई थी। उस समय कैथल के एक बड़े व्यापारी नरेंद्र अरोड़ा की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।

इस मामले में कैथल की पुलिस बदमाशों को पकड़ने के लिए साउथ अफ्रीका गई थी। वहां से गैंगस्टर सुरेंद्र पहलवान, जोगिंद्र और बलजीत को पकड़ कर लाई थी। गैंगस्टर सुरेंद्र ग्योंग के एनकाउंटर में भी कैथल पुलिस का सहयोग रहा था।

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