कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का एनएच सहित 15 जगहों पर चक्का जाम

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने हिसार चंडीगढ़ नेशनल हाइवे सहित 15 जगहों पर तीन घंटे जाम लगा कर रखा। तितरम मोड़ नेशनल हाईवे नंबर 152 पर किसान आंदोलन के समर्थन में हजारों की संख्या में किसान एकत्रित हुए। इसमें बच्चे महिला और पुरुष पैदल गाड़ियों और ट्रैक्टर ट्रालियों पर सवार होकर जाम स्थल पर पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Feb 2021 06:15 AM (IST) Updated:Sun, 07 Feb 2021 06:15 AM (IST)
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का  एनएच सहित 15 जगहों पर चक्का जाम
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का एनएच सहित 15 जगहों पर चक्का जाम

जागरण संवाददाता, कैथल: कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने हिसार चंडीगढ़ नेशनल हाइवे सहित 15 जगहों पर तीन घंटे जाम लगा कर रखा। तितरम मोड़ नेशनल हाईवे नंबर 152 पर किसान आंदोलन के समर्थन में हजारों की संख्या में किसान एकत्रित हुए। इसमें बच्चे, महिला और पुरुष पैदल, गाड़ियों और ट्रैक्टर ट्रालियों पर सवार होकर जाम स्थल पर पहुंचे। 12 बजे से पहले ही किसानों ने मुख्य बिदू तितरम मोड सहित जिलेभर की सड़कों पर ट्रैक्टर ट्राली को खड़ी कर जाम लगा दिया व सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

इससे हिसार, जींद, रोहतक, सिरसा, फतेहाबाद से चंडीगढ़, कैथल आने-जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। गांवों के लिक मार्गों से लोगों को वाहन निकालने पड़े। इस दौरान किसानों ने आपातकालीन सेवाओं में लगे वाहनों को नहीं रोका। किसानों ने एंबुलेंस व विवाह शादियों के वाहनों को निकलने दिया। वहीं किसान चक्का जाम वाले स्थान पर हुक्का गुड़गुड़ाने से लेकर ताश खेलते रहे। किसानों ने जाम वाले स्थानों पर लंगर का प्रबंध भी किया हुआ था।

आढ़तियों ने भी जाम में पहुंच कर किया समर्थन

आढ़तियों ने तितरम मोड़ पर जाम में पहुंच कर कृषि कानूनों के विरोध में समर्थन दिया और मंडी को बंद रखा। आढ़तियों ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसान, आढ़ती विरोधी है। सरकार कानूनों को थोपना चाहती है। इससे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।

वाहन चालकों को हुई परेशानी, रूट किए डायवर्ट

विभिन्न जगहों पर जाम लगने के कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि पुलिस ने जाम लगते ही रूटों को डायवर्ट भी किया गया, जिस कारण वाहन चालक जाम में नहीं फंसे। तितरम मोड़ की तरफ जाने वाले वाहनों को पुलिस ने गांव प्यौदा की तरफ से डायवर्ट किया जबकि जींद की तरफ से आने वाले वाहन प्यौदा-तितरम लिक मार्ग पर डायवर्ट किए गए।

तीन घंटे नहीं चली रोडवेज की बसें

किसानों द्वारा चक्का जाम किए जाने को लेकर रोडवेज की बसें नहीं चली। बस स्टैंड के अंदर ही रोडवेज की बसें तीन घंटे खड़ी रही। बसें नहीं चलने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं किसानों के जाम खोलने के बाद सभी रूटों पर बसों को चला दिया गया। इससे पहले सुबह के समय भी रोडवेज की बसें निर्धारित समय से चलती रही। यात्रियों की भीड़ सुबह के समय बस स्टैंड पर कम देखी गई।

पुलिस प्रशासन भी मुस्तैदी से रहा तैनात-

कृषि कानूनों के विरोध चक्का जाम को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा। यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए हर थाने के साथ एक नोडल अधिकारी तैनात किया हुआ था। इन्होंने बाधित रास्तों को डायवर्ट करवाया। जिले में 15 डयूटी मजिस्ट्रेट व प्रशासनिक अधिकारी चप्पे चप्पे पर नजर बनाएं हुए रहे। सुरक्षा के मद्देनजर 700 पुलिस कर्मचारियों को तैनात किया गया। 20 पुलिस रिजर्व टुकड़ियां तैनात रही। एसपी ने सुबह तितरम मोड़ का जायजा लिया। प्रशासन के अधिकारियों सहित सभी डीएसपी तैनात रहे। स्वास्थ्य विभाग व दमकल विभाग के अधिकारियों व कर्मचारी भी मौके स्थल पर रहे। एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को प्रशासन ने तैनात रखा।

यहां रहा जाम-

कृषि कानूनों के विरोध किसानों ने तीन घंटे चक्का जाम रखा। मुख्य बिदू नेशनल हाइवे हिसार चंडीगढ़ तितरम मोड़ रहा। सीवन में कैथल पटियाला मार्ग पर, पूंडरी में गुरु ब्रह्मानंद चौक व गांव दुसैन, कैथल में खनौरी बाईपास, ढांड में पंचमुखी चौक व गांव जाजनपुर, गुहला चीका में उधम सिंह चौक, राजौंद, सेरधा, किठाना, गुलियाणा, कलायत नेशनल हाइवे व कसान, पाई में जाम लगा रहा।

भाजपा किसान मोर्चा के शहरी मंडल पदाधिकारियों ने पदों से दिया इस्तीफा-

भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा शहरी मंडल के पदाधिकारियों ने भी अपना इस्तीफा देकर आंदोलन में शिरकत की। इसमें अध्यक्ष राजा राम, उपाध्यक्ष गौरव ढुल, उपाध्यक्ष कर्मबीर, सचिव राजेश नायक, तरसेम राठौर, राजेश सैनी, मनदीप, राकेश यादव, पूनम पांचाल ने अपने पद से इस्तीफा दिया।

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