किसानों को मिलेगा प्रति एकड़ सात हजार रुपये का अनुदान : सैनी

सांसद नायब सिंह सैनी ने बृहस्पतिवार को अंबाला रोड स्थित विश्राम गृह में कार्याकत्र्ताओं की बैठक ली। सांसद ने कहा कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना में जहां किसानों को सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 09:58 AM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 09:58 AM (IST)
किसानों को मिलेगा प्रति एकड़ सात  हजार रुपये का अनुदान : सैनी
किसानों को मिलेगा प्रति एकड़ सात हजार रुपये का अनुदान : सैनी

जागरण संवाददाता, कैथल : सांसद नायब सिंह सैनी ने बृहस्पतिवार को अंबाला रोड स्थित विश्राम गृह में कार्याकत्र्ताओं की बैठक ली। सांसद ने कहा कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना में जहां किसानों को सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है। वहीं, इसके माध्यम से भावी पीढ़ी के लिए अमूल्य देन जल की भी बचत होगी और गिरते हुए भू-जल स्तर में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विषय विशेषज्ञों और किसानों से मंथन करने के बाद इस योजना को तैयार किया है। इस योजना को प्रथम चरण में 40 मीटर से ज्यादा भू-जल स्तर वाले प्रदेश के 4 जिलों के 8 खंडों से लागू किया जाएगा। इन खंडों के किसानों को धान का 50 प्रतिशत क्षेत्र फसल विविधिकरण करने पर 7 हजार रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दी जाएगी। प्रदेश का कोई भी किसान अगर शर्तों के अनुसार फसल विविधिकरण को अपनाएगा तो उसे भी 7 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा। इतना ही नहीं 35 मीटर से ज्यादा भू-जल स्तर वाले 12 खंड वाली ग्राम पंचायतों को भी 7500 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सरकार द्वारा वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके लिए पंचायतों को ग्राम पंचायत की कृषि योग्य भूमि पर धान की खेती करने पर रोक लगानी होगी। इस मौके पर जिलाध्यक्ष अशोक गुर्जर मौजूद रहे। सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों के हित ध्यान में रखते हुए और पानी को बचाने के लिए मेरा पानी मेरी विरासत एक नई कृषि योजना को शुरू करने का काम किया है। इस योजना को प्रथम चरण में फतेहाबाद के रतिया, कैथल के सीवन, गुहला, कुरुक्षेत्र के पिपली, शाहबाद, बाबैन, इस्माईलाबाद और सिरसा ब्लाक में लागू किया गया है। सांसद ने कहा कि सरकार ने 35 मीटर से ज्यादा भू-जल स्तर वाले चयनित 12 खंड रतिया, फतेहाबाद, जाखल, सीवन, गुहला, पिपली, शाहबाद, बाबैन, इस्माईलाबाद, थानेसर, पिहोवा व सिरसा में ग्राम पंचायतों को कृषि योग्य भूमि पर धान की खेती नहीं करने की सलाह दी गई है।

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