बे-मौसमी बरसात से किसान त्रस्त, सीएम ऊंट की सवारी में व्यस्त : सुरजेवाला

अखिल भारतीय कांग्रेस कोर कमेटी सदस्य व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि एक तरफ किसान बेमौसमी बारिश की मार से ग्रस्त हैं तो दूसरी तरफ सीएम दर्शनीय एवं मेलों के अंदर ऊंट की सवारी कर रहे हैं। वे पूर्व पार्षद विक्की शर्मा के निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Mar 2020 09:35 AM (IST) Updated:Mon, 16 Mar 2020 09:35 AM (IST)
बे-मौसमी बरसात से किसान त्रस्त, सीएम ऊंट की सवारी में व्यस्त : सुरजेवाला
बे-मौसमी बरसात से किसान त्रस्त, सीएम ऊंट की सवारी में व्यस्त : सुरजेवाला

जागरण संवाददाता, कैथल :

अखिल भारतीय कांग्रेस कोर कमेटी सदस्य व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि एक तरफ किसान बेमौसमी बारिश की मार से ग्रस्त हैं तो दूसरी तरफ सीएम दर्शनीय एवं मेलों के अंदर ऊंट की सवारी कर रहे हैं। वे पूर्व पार्षद विक्की शर्मा के निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्हें किसानों के हितों से कोई सरोकार नहीं है। बेमौसमी बारिश का ये आलम है कि सिर्फ कैथल जिले के अंदर पिछले 30 दिनों के अंदर मौसम विभाग के अनुमान में अनुपात के अनुसार 700 प्रतिशत बारिश ज्यादा हुई है और बाकि हरियाणा में भी 650 से 700 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। दक्षिण हरियाणा के कई जिलों के अंदर भी 700 से 800 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इतनी ज्यादा बारिश की मार से किसानों की फसल तबाह हो गई है तो किसान अपनी फसल की रखवाली के लिए क्या करें।

सुरजेवाला ने कहा कि एक तरफ ओलावृष्टि की मार और दूसरी तरफ सरकार किसानों को मुआवजे का एक भी रुपया नहीं दिया है। सरकार किसानों के हकों के साथ खिलवाड़ कर रही है। स्पेशल रकबा गिरदावरी अगले एक हफ्ते के अंदर पटवारी, तहसीलदार, क्लेकटर और कानूनगो के माध्यम से क्यों नहीं हो सकती? इसके साथ ही किसानों को प्रति एकड़ तीस से पचास हजार रुपये तक का मुआवजा दें।

मुआवजे के लिए किसान काट रहे चक्कर

सुरजेवाला ने कहा कि एक तरफ तो सरकार मुआवजे के लिए किसानों को अर्जी के माध्यम से दफ्तरों के चक्कर कटवा रही है तो दूसरी तरफ किसान फसल बीमा योजना की आड़ में किसान को मुआवजे की राशि बांटने में गुरेज किया जा रहा है। भाजपा सरकार ने उसी दिन ताला लगा दिया था जिस दिन उन्होंने केंद्र सरकार की बीमा राशि का 50 प्रतिशत आधा देने से इंकार कर दिया था। प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी 25 प्रतिशत देने से इंकार कर दिया। सरकार को चाहिए कि किसानों की बर्बाद हुई फसल का जल्द से मुआवजा दें। इसके साथ ही पट्टेदार, काश्तकारों व खेत में किसान के साथ मिलाकर काम करने वाले मजदूर को भी मुआवजा दिया जाए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपये प्रति लीटर व डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.56 रु प्रति लीटर थी लेकिन आज भाजपा सरकार में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 22.98 रुपये प्रति लीटर व डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 18.83 रुपये प्रति लीटर हो गई है। आज कच्चे तेल की कीमतें गिर कर 35 डॉलर प्रति बैरल हो गई हैं। फिर भी 3 रुपये एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी क्यों की गई।

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