शीर्ष नेताओं की एसपीजी सुरक्षा वापस लेने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

भाजपा की तानाशाही नीतियों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी के शीर्ष नेताओं की एसपीजी सुरक्षा वापस लेने पर जिला स्तरीय प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन की अध्यक्षता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जय प्रकाश और सुदीप सुरजेवाला ने की। इस दौरान गुहला हलका से प्रत्याशी दिल्लू राम और पूंडरी हलका से सतबीर भाणा सहित अन्य सैकड़ों कार्यकर्ता प्रदर्शन में शामिल हुए।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Nov 2019 09:42 AM (IST) Updated:Sun, 24 Nov 2019 09:42 AM (IST)
शीर्ष नेताओं की एसपीजी सुरक्षा वापस लेने  पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
शीर्ष नेताओं की एसपीजी सुरक्षा वापस लेने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, कैथल :

भाजपा की तानाशाही नीतियों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी के शीर्ष नेताओं की एसपीजी सुरक्षा वापस लेने पर जिला स्तरीय प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन की अध्यक्षता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जय प्रकाश और सुदीप सुरजेवाला ने की। इस दौरान गुहला हलका से प्रत्याशी दिल्लू राम और पूंडरी हलका से सतबीर भाणा सहित अन्य सैकड़ों कार्यकर्ता प्रदर्शन में शामिल हुए। सचिवालय में प्रदर्शन करते हुए कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार को नरेंद्र दलाल ज्ञापन सौंपा।

सबसे पहले सैंकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता लघु सचिवालय में एकत्रित हुए। यहां कांग्रेस नेताओ ने धरना देकर मोदी सरकार पर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेताओं की सुरक्षा से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।

पूर्व मंत्री जयप्रकाश ने कहा कि आज देश में फैली मंदी व तालाबंदी भाजपा सरकार की पहचान बन गई हैं। न नौकरी है, न रोजगार है और कृषि क्षेत्र पर तो मंदी का दंश और भी बुरा है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि भारत देश आज वित्तीय आपातकाल की स्थिति में है। देश में चाहे आजादी का आंदोलन हो या आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई हो गांधी-नेहरु परिवार ने देशहित में अपनी कुर्बानिया दी हैं लेकिन केंद्र सरकार ने कांग्रेस के प्रमुख नेताओ की सुरक्षा के लिए नियुक्त एसपीजी को हटाकर उनके जीवन को खतरे में डाल दिया है।

मोदी सरकार ने भारत के युवाओं को बेहाली व बेरोजगारी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। गिरती अर्थव्यवस्था और बेहाल व्यापार ने आम जनमानस के जीवन को बर्बाद करके रख दिया है। पिछले 6 सालो में जीडीपी सबसे निचले पायदान पर है। भारत में बचत की सम्पूर्ण दर गिरकर 34.6 प्रतिशत से 30 प्रतिशत रह गई है।

कृषि सेक्टर की जीडीपी वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही गिरकर मात्र 2 प्रतिशत रह गई है। बीजेपी सरकार किसानों को फसल की लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा देने के वादे के साथ सत्ता में आई लेकिन उन्हे बाजारी ताकतों के हवाले छोड़ दिया है।

आज खरीफ की फसल समर्थन मूल्य से 8 प्रतिशत से 37 प्रतिशत नीचे यानि 22.5 प्रतिशत कम मूल्य पर बिक रही है। तूअर, मूंग, उड़द, सोयाबीन, सूरजमुखी, काला तिल, ज्वार, बाजरा, रागी उगाने वाले किसानों को अपनी फसलों का समर्थन मूल्य नहीं मिला। धान के किसानों को भी नमी आदि के बहाने से 1835 रुपये प्रति क्विटल के समर्थन मूल्य से 200 रुपये प्रति क्विटल कम मूल्य मिला। इससे किसानों को लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

इस मौके प्रीतम सरपंच माजरा, हुकम सिंह किठाना, प्रदीप चौधरी, भरत बैनीवाल, राजाराम सौंगरी, सतनारायण, दर्शन खनौदा, दिल्लूराम बाजीगर व सतवीर भाणा, गुलाब सेगा, रोशन पाडला, जयपाल शर्मा, धीरा, नाथाराम मलिक, सरदार बलदेव बल्ली, नरेश मित्तल, रामदिया चावरिया, साहब सिह विर्क, मोहन शर्मा क्योडक, गुरनाम सहारण, नाजर सिह दयोहरा, यशपाल जसवंती, जोरा सिह, धनपत कौशिक, एडवोकेट दलबीर पूनिया, गजे सिह, कृष्ण नम्बरदार, बलवान बलबेहडा मौजूद थे।

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