नगर परिषद में अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमर्जी, दो घंटे लेट खुलते हैं दफ्तर

नगर परिषद कार्यालय का कामकाज अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ता जा रहा है। फरियादी कार्यालय खुलने के समय सुबह नौ बजे आ जाते हैं, जबकि दफ्तर के गेट साढ़े दस से पहले नहीं खुलते। यही नहीं, देरी से आने के बावजूद अधिकारी और कर्मचारी कुर्सी पर नहीं बैठते। ऐसे में लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। लोगों की मानें तो बायोमैट्रिक हाजिरी के होने की वजह से लापरवाही हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Apr 2018 10:33 PM (IST) Updated:Thu, 12 Apr 2018 10:33 PM (IST)
नगर परिषद में अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमर्जी, दो घंटे लेट खुलते हैं दफ्तर
नगर परिषद में अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमर्जी, दो घंटे लेट खुलते हैं दफ्तर

सुनील जांगड़ा, कैथल : नगर परिषद कार्यालय का कामकाज अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ता जा रहा है। फरियादी कार्यालय खुलने के समय सुबह नौ बजे आ जाते हैं, जबकि दफ्तर के गेट साढ़े दस से पहले नहीं खुलते। यही नहीं, देरी से आने के बावजूद अधिकारी और कर्मचारी कुर्सी पर नहीं बैठते। ऐसे में लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। लोगों की मानें तो बायोमैट्रिक हाजिरी के होने की वजह से लापरवाही हो रही है।

नगर परिषद कार्यालय के खुलने का समय नौ बजे रखा गया है, लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों का लेट आना आम बात हो गई है। वीरवार को नगर परिषद कार्यालय में बने जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र कमरे में डेढ़ घंटे तक ताला लटका रहा। सुबह करीब साढ़े दस बजे कार्यालय खुला। इस कार्यालय में दो महिला कर्मचारी काम करती हैं, लेकिन मौके पर एक भी कर्मचारी ड्यूटी पर हाजिर नहीं मिलीं। जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र लेने वाले लोगों की लाइनें सुबह नौ बजे से ही लग गई थी। जब काफी समय के बाद भी कोई कर्मचारी नहीं आया तो लाइन में खड़े लोग नारेबाजी करने लगे। जब लोग नगर परिषद के ईओ के पास गए तो वे भी अपने कार्यालय में नहीं मिले। कुछ देर बाद एक कर्मचारी आया और उसने दरवाजा खोला। दरवाजा खुलने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली।

सुबह नौ बजे से जन्म प्रमाण पत्र लेने के लिए लाइन में खड़ा हूं, लेकिन कार्यालय के गेट पर ताला लगा हुआ है। करीब डेढ़ घंटे तक वहां कोई कर्मचारी नहीं आया।

- संदीप कुमार जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय के गेट पर ही कार्यालय खुलने का समय नौ बजे लिखा गया है, लेकिन साढ़े दस बजे तक भी कार्यालय नहीं खोला गया। एक तो पहले ही समय पर प्रमाण पत्र नहीं बनते ऊपर से कार्यालय भी समय पर नहीं खुलता।

- सुबोध कुमार

अपने भतीजे का जन्म प्रमाण पत्र का लेने के लिए आया था। कार्यालय पर ताला लटका हुआ था। जब वे ऊपर अधिकारियों के पास गए तो वहां भी उन्हें कोई अधिकारी नहीं मिला।

- एडवोकेट इंद्रजीत ¨सह अपने बेटे के साथ उसका जन्म प्रमाण पत्र लेने नगर परिषद में आई थी, लेकिन यहां आकर देखा तो ताला लटका हुआ मिला। साढ़े दस बजे तक कोई कर्मचारी नहीं आया। डेढ़ घंटा इंतजार करने के बाद कर्मचारियों ने ताला खोला।

- कमलेश वर्जन

वे दो दिन से कार्यालय के काम से चंडीगढ़ गए हुए हैं। जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय में लगी दोनों महिला कर्मचारी छुट्टी पर गई हुई थीं। कार्यालय लेट क्यों खोला गया, इस बात की जांच आकर ही करवाएंगे। सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने समय पर ही कार्यालय में आते हैं। कार्यालय में काम करवाने आने वाले लोगों की समस्या का समाधान मौके पर ही कर दिया जाता है।

- विक्रम ¨सह, ईओ नगर परिषद।

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