राजपुरी डेरे पर वार्षिक मेले की तैयारी पूरी

गांव बाबा लदाना स्थित बाबा राजपुरी डेरे पर तीन दिवसीय वार्षिक मेला मंगलवार से शुरू हो रहा है। मेला आठ अक्टूबर से शुरू होकर दस अक्टूबर तक जारी रहेगा। मेले को लेकर डेरे में सभी तैयारी पूरी हो चुकी हैं और डेरे को भव्य रूप से सजाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Oct 2019 09:53 AM (IST) Updated:Tue, 08 Oct 2019 06:36 AM (IST)
राजपुरी डेरे पर वार्षिक मेले की तैयारी पूरी
राजपुरी डेरे पर वार्षिक मेले की तैयारी पूरी

जागरण संवाददाता, कैथल : गांव बाबा लदाना स्थित बाबा राजपुरी डेरे पर तीन दिवसीय वार्षिक मेला मंगलवार से शुरू हो रहा है। मेला आठ अक्टूबर से शुरू होकर दस अक्टूबर तक जारी रहेगा। मेले को लेकर डेरे में सभी तैयारी पूरी हो चुकी हैं और डेरे को भव्य रूप से सजाया जा रहा है।

डेरे के महंत दूजपुरी महाराज ने बताया कि हर वर्ष दशहरे, एकादशी व द्वादशी को विशाल मेला लगता है। तीन दिन तक लगने वाले इस मेले में लाखों श्रद्धालु पहुंचकर बाबा की पूजा अर्चना कर धन-धान्य और पशुधन में वृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं। आस-पास गांव के लोग कैथल चंदाना गेट स्थित रामलीला मैदान में रावण दहन के बाद मेले में पहुंचते थे। मेले में भक्तों के लिए भंडारा लगाया जाता है। अंतिम दिन विशाल कुश्ती दंगल का आयोजन किया जाता है। दंगल में हरियाणा प्रदेश के साथ-साथ देशभर के अलग-अलग राज्यों से पहलवान पहुंचकर अपने दांव-पेंच प्रदर्शित करते हैं। इस डेरे से देश ही नहीं विदेश में रहने वाले लोगों की भी आस्था जुड़ी हुई है। मेले में भक्त दूध, घी, अनाज व प्रसाद चढ़ाकर पूजा अर्चना करते हैं।

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ये है बाबा राजपुरी डेरे का इतिहास

डेरे के 22वें महंत दूजपुरी महाराज ने बताया कि डेरे का इतिहास करीब 550 साल पुराना है। मान्यता है कि 550 साल पहले गांव में एक बच्चे का जन्म हुआ था जो शैशव काल से ही महान योगी की तरह थे। बाद में वे बाबा राजपुरी के नाम से प्रसिद्ध हुए। यह डेरा स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस व उनके गुरु महंत तोतापुरी महाराज की तपोस्थली रहा है और समाधि भी है।

महंत ने बताया कि माता हिगलाज अष्टमी की रात को डेरे में बने मंदिर में आती हैं और वर्षों पुराने जाल के पेड़ पर धागा बांधकर जाती हैं। दशहरा के दिन जाल के पेड़ पर बाबा राजपुरी व माता हिगलाज की पूजा कर ध्वजा चढ़ाई जाती है। बाबा राजपुरी के देश भर में करीब 365 मठ हैं।

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सुरक्षा को लेकर रहेंगे कड़े इंतजाम

मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। मेले में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी पुलिस बल तैनात रहता है। करीब 200 महिला व पुरुष कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। वहीं रोडवेज विभाग की ओर से श्रद्धालुओं के लिए स्पेशल बसें चलाई जाती है। रोडवेज महाप्रबंधक रामकुमार ने बताया कि मेले को लेकर चंदाना गेट व बस स्टैंड से जरूरत के हिसाब से बसें चलाई जाएंगी। कर्मचारियों की एक कमेटी का गठन कर दिया गया है जो सारी व्यवस्था को देखेगी।

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कल मनाया जाएगा दशहरा पर्व

दशहरे का पर्व कल धूमधाम से मनाया जाएगा। पर्व को लेकर बाजार सज चुके हैं और बच्चे अपने अभिभावकों के साथ खरीदारी करने के लिए पहुंच रहे हैं। इस बार भाई उदय सिंह के किले पर रावण दहन होगा। किले पर 110 फीट का रावण का पुतला जलाया जाएगा। शहर व आस-पास गांव के लोग रावण दहन के बाद बाबा लदाना के लिए रवाना हो जाते हैं।

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