चूल्हा-चौका निपटा मास्क सीलने में जुट जाती हैं आठ सहेलियां

यह आठ सहेलियां हैं। अपने-अपने घरों का चूल्हा-चौका निपटाकर डिफेंस कॉलोनी में एक घर में रोज इकट्ठी हो जाती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Jun 2020 09:21 AM (IST) Updated:Thu, 25 Jun 2020 09:21 AM (IST)
चूल्हा-चौका निपटा मास्क सीलने  में जुट जाती हैं आठ सहेलियां
चूल्हा-चौका निपटा मास्क सीलने में जुट जाती हैं आठ सहेलियां

जागरण संवाददाता, कैथल: यह आठ सहेलियां हैं। अपने-अपने घरों का चूल्हा-चौका निपटाकर डिफेंस कॉलोनी में एक घर में रोज इकट्ठी हो जाती हैं। यहां कोई चुगली-चर्चा करने नहीं आती, बल्कि मास्क सीलने आती हैं। अपने-अपने घर से सिलाई मशीन लाकर यहां रख दी है।

पतियों की कमाई से जो भी इन्हें घर में खर्च के लिए मिलता है, उसमें से भी बचाकर कपड़ा खरीदती हैं। हर जरूरतमंद को मास्क वितरित कर लोगों को कोरोना महामारी से बचाने में जुटी हैं। अब तक 16 हजार से अधिक लोगों को मास्क का वितरण किया जा चुका है। प्रशासन व आम आदमी इन महिलाओं के हौसले को सलाम कर रहा है।

सुशीला शर्मा ने बताया कि जब से इस बीमारी ने दस्तक दी है, तब से सुमन शर्मा, भावना शर्मा, डिपल शर्मा, अनीता, निर्मला, सरोज, कमल कांता सहित उसकी पूरी टीम सुबह चूल्हा चौका करने के बाद मास्क बनाने के कार्य में जुट जाती है।

साथ ही महिलाएं प्रशासन, संस्थाओं के सदस्यों को मास्क बांट रही हैं ताकि लोगों को बीमारी से बचाया जा सके। इस तरह से यह लोगों की मदद तो कर रही हैं, शहर, समाज और परिवार की चर्चा भी होती रहती है।

खुद के खर्च पर लाती है कपड़ा

इस समूह की महिलाएं अपने खुद के खर्च पर बाजार से कपड़ा खरीद रही है। मास्क बनाकर निशुल्क बांट रही है। 16 हजार मास्क अब तक तैयार किए जा चुके हैं। समूह की महिलाओं ने दावा किया है कि जब तक बीमारी खत्म नहीं होती है। तब तक निशुल्क मास्क बांटती रहेगी।

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