धरने पर बैठे किसानों को समर्थन देने टीकरी बॉर्डर पर पहुंचे वकील
जिला बार एसोसिएशन कैथल के तत्वावधान में वकीलों का एक जत्था तीन कृषि कानूनों को लेकर धरने पर बैठे किसानों को समर्थन देने के लिए टीकरी बॉर्डर पर पहुंचा।
जागरण संवाददाता, कैथल: जिला बार एसोसिएशन कैथल के तत्वावधान में वकीलों का एक जत्था तीन कृषि कानूनों को लेकर धरने पर बैठे किसानों को समर्थन देने के लिए टीकरी बॉर्डर पर पहुंचा। बार एसोसिएशन के प्रधान नफे सिंह बेरवाल ने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि अपना हठ छोड़कर किसानों की मांगों को तुरंत पूरा करे और तीन काले कानून वापस ले ताकि कड़ाके की ठंड में किसान सड़क पर बैठने को मजबूर ना हो और किसानों की शहादत को रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि 60 दिन से किसान हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में सड़क पर धरने पर हैं। 72 से अधिक किसानों की जान जा चुकी हैं, लेकिन पत्थर दिल वाली केंद्र सरकार का दिल नहीं पसीजा।
तीनों काले कानूनों के कारण किसान तो बर्बाद होंगे ही। साथ में चुनिदा उद्योगतियों के हाथ में कमान चली जाने के कारण मध्यम वर्ग व छोटे वर्ग का व्यापारी, आढ़ती व छोटे उद्योगपति बेरोजगार हो जाएंगे। खेत मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे। जब खाद्य पदार्थ महंगे हो जाएंगे तो आम आदमी पर इसका सीधा असर होगा। इसीलिए केंद्र सरकार इन तीनों काले कानूनों को वापस ले और किसानों को राहत प्रदान करे।
जिला बार एसोसिएशन इस संघर्ष में पूरी तरह से किसानों के साथ है। वकीलों में बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान पीएल भारद्वाज, हरपाल सिंह, बलराज नौच, राकेश नैन, अमृत मलिक, अमनदीप माजरा, रणधीर राणा, रामनिवास सहारण, सूबे सिंह, सुरेंद्र मोर, राजबहादुर, पुष्पेंद्र सिंह, अनिल सैनी, राम सिंह, संदीप बेरवाल, दिनेश सौगल, दलबीर पूनिया, हरदीप चाहर, राम सिंह भुल्लर, राकेश ढुल, नवीन बिढ़ान, सुरेश मान, रश्मि ढुल, मुकेश राणा, बलराज नौच, हर्षदीप चाहर, अमित बैनीवाल वकील उपस्थित थे।