मा की मुट्ठी में होते तीनों लोक
कलायत : मा की मुट्ठी में तीनों लोक होते है। इस बात की सच्चाई को मैंने अपनी मा स्वर्गीय ज्ञान देवी के
कलायत : मा की मुट्ठी में तीनों लोक होते है। इस बात की सच्चाई को मैंने अपनी मा स्वर्गीय ज्ञान देवी के माध्यम से भली-भाति महसूस किया। उनकी चरण धूली से ही मुझे उन्नति का मार्ग मिला। पिता कैप्टन राजकुमार का अधिकाश समय देश सेवा में गुजरा। इस दौरान मा ने पिता का भी फर्ज निभाया। वे न केवल परिवार के प्रति स्नेह भाव रखती थी बल्कि हर किसी को अपने कुनबे का सदस्य समझती थी। उन्होंने परिवार को हमेशा जरूरतमंदों की मदद के लिए प्रेरित किया। मैं आज भी हर बुजुर्ग महिला में मा की तस्वीर तलाशता हू।
-जयदीप राणा, चैयरमेन, वन समिति, कलायत।