सरकार पर सेवानिवृत बेनीफिट चुकाने का बोझ

महीपाल सिंह, कैथल : रिटायरमेंट होने वाले कर्मचारियों को तुरंत ही ग्रेच्यूएटी, लीव इन कैशमेंट का पैसा

By Edited By: Publish:Fri, 28 Nov 2014 08:11 PM (IST) Updated:Fri, 28 Nov 2014 08:11 PM (IST)
सरकार पर सेवानिवृत 
बेनीफिट चुकाने का बोझ

महीपाल सिंह, कैथल : रिटायरमेंट होने वाले कर्मचारियों को तुरंत ही ग्रेच्यूएटी, लीव इन कैशमेंट का पैसा देना होगा जबकि पीएफ की सेविंग के रूप में बड़ी राशि चुकाने का भार भी सरकार पर आ गया है। इसमें सबसे ज्यादा राशि पीएफ की है। एक अनुमान के अनुसार एक कर्मचारी को रिटायरमेंट पर करीब 20 से 25 लाख रुपये तक की राशि देनी होगी। इस प्रकार से हर माह रिटायरमेंट होने वाले कर्मचारियों का बोझ भी सरकार पर पड़ेगा। यदि तत्काल रिटायरमेंट होने वाले कर्मचारियों पर खर्च होने वाले रुपये पर नजर डालें तो सरकार को लगभग 150 से 200 करोड़ रुपये केवल इस कार्य के लिए ही अलग से रखने पड़ेंगे। भाजपा की मनोहर लाल खट्टर सरकार के सख्त फैसले से दिसंबर माह तक करीब पांच हजार कर्मचारी रिटायरमेंट हो जाएंगे। रिटायरमेंट की आयु 60 से 58 किए जाने से इसका सीधा असर सरकारी सिस्टम पर पड़ना तय है। यह स्थिति तभी संभल सकती है बशर्ते सरकार कर्मचारियों की रिटायरमेंट के कारण खाली होने जा रहे पदों की भर्ती में तेजी लाए। प्रदेश में विभिन्न स्तरपर पहले ही खाली पदों की भरमार है और ऐसे में रिटायर होकर जाने वाले कर्मचारियों की सीट भी हर माह खाली होती चली जाएंगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 अगस्त से अक्टूबर माह के बीच 2865 कर्मचारी रिटायरमेंट होने थे। अब उन्हें तत्काल रिटायर होना पड़ेगा।

सरकार कर रही कर्मचारी विरोधी फैसले : सतबीर गोयत

राजकीय अध्यापक संघ के जिला प्रधान सतबीर गोयत ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारी विरोधी फैसले ले रही है। कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु को कम करना कर्मचारी हितों पर कुठाराघात है। वे सरकार के इस फैसले का विरोध करते हैं और शीघ्र ही प्रदेश स्तर पर रणनीति बनाकर ऐसे फैसलों का डटकर विरोध किया जाएगा।

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