प्रकृति से छेड़छाड़ से आती बाढ़

By Edited By: Publish:Sat, 19 Apr 2014 01:00 AM (IST) Updated:Sat, 19 Apr 2014 01:00 AM (IST)
प्रकृति से छेड़छाड़ से आती बाढ़

संस, कलायत : भौगोलिक पहलुओं से जब-जब छेड़छाड़ हुई, तब-तब दुष्परिणामों के कारण आम जन को बाढ़ जैसे संकट से जूझना पड़ा, इसलिए अवैध अतिक्रमण के बढ़ते कदमों को रोकना आवश्यक है। इस सोच में खुशहाल जीवन निहित है। ये शब्द जिला उपायुक्त एनके सोलंकी ने कहे। वे शुक्रवार को कलायत में बाढ़ प्रबंधो का जायजा ले रहे थे।

उन्होने कहा कि नहरे, ड्रेन और माइनर इलाके के लिए वरदान होती है, लेकिन जब-जब इन स्रोतो से जुड़े इलाकों में कोई अवैध अतिक्रमण होता है तो उसके प्रतिकूल परिणाम सामने आना तय है। इसके लिए प्रत्येक को आवासीय क्षेत्र के पानी की निकासी करने वाले नालों से लेकर ड्रेन तक की राह में किसी प्रकार का गतिरोध पैदा नहीं करना चाहिए। डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन मानसून के दौरान सिर उठाने वाली समस्या को दूर करने के लिए सजग है। मानसून के मद्देनजर बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने पुख्ता इतजाम किए है। इस क्रम में निकासी से संबंधित करीब-करीब कार्य पूरा हो चुका है। इस मुहिम से जुड़े विभागों के अधिकारियों को दिशा निर्देश पारित करते हुए निर्धारित समय अवधि में यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि वे वर्षा के दौरान पानी निकासी के प्रबंधों में कहीं झोल न होने दें।

एक पंथ दो काज

आला अफसरान का विलंब से आना सामान्य बात है, लेकिन जिस तरह जिला उपायुक्त कैंप हाउस से सुबह करीब 6 बजे रवाना हुए और निर्धारित समय अनुसार काफिले के साथ बाढ़ प्रबंधों का जायजा लिया उससे हर कोई प्रभावी नजर आया। इस पूरे कार्यक्रम के पीछे डीसी का मकसद कार्यालय समय से पहले बाढ़ प्रबंधों को बारीकी से जाचना था। साथ ही यह देखना था कि विभागीय अधिकारी समय की महता पर कितने संजीदा है। इस मौके पर एसडीएम डॉ. नरहरि बागड़, कार्यकारी अभियंता एसपी अग्रवाल, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता एसपी कौशिक, जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता अशोक खंडूजा, बीडीपीओ आशा वर्मा, एसडीओ सुभाष ढाडा, जेई केएल राजपाल, जेई भंवर सिंह आदि थे।

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