सावधान : सुबह की सैर हो सकती है खतरानक
जिले की आबोहवा में अभी सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है। दिन-प्रतिदिन हवा जहरीली होती जा रही है। वाहनों से निकलने वाला धुआं पराली व कूड़े की आग से निकले धुएं पटाखों के धुएं व फैक्ट्रियों से निकले धुएं में मौजूद राख सल्फर नाइट्रोजन कार्बन डाईऑक्साइड व अन्य खतरनाक गैस होती है।
जागरण संवाददाता, जींद : जिले की आबोहवा में अभी सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है। दिन-प्रतिदिन हवा जहरीली होती जा रही है। वाहनों से निकलने वाला धुआं, पराली व कूड़े की आग से निकले धुएं, पटाखों के धुएं व फैक्ट्रियों से निकले धुएं में मौजूद राख, सल्फर, नाइट्रोजन, कार्बन डाईऑक्साइड व अन्य खतरनाक गैस होती है। जब यह कोहरे के संपर्क में आती तो स्मॉग बनता है। इस तरह के मौसम में यह जानलेवा धुआं जमीन के बेहद नजदीक आ जाता है, जो सैर करते वक्त सीधे फेफड़ों तक पहुंच इसे नुक्सान पहुंचाता है। इसलिए जब तक प्रदूषण का स्तर कम नहीं होता, बुजुर्ग और बच्चें सुबह-शाम की सैर बंद कर दें।
मौसम वैज्ञानिकों के अभी तक राहत होने के कोई आसार अभी दिखाई नहीं दे रहे हैं। एयर क्वालिटी इंडेक्स पर प्रदूषण की सुई खतरे के निशान से ऊपर जा चुकी है। जींद में शुक्रवार को सुबह 9 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स 460 था, जो शाम तक 485 पहुंच गया। प्रदूषण का मानक स्तर पीएम 2.5 भी 500 के पार जा पहुंचा। इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत के साथ-साथ आंखों में जलन महसूस हुई व कुछ खुजली की समस्या लेकर अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में आंखों की ओपीडी पहले 150 तक होती थी, लेकिन पिछले कई दिनों से यह संख्या 200 के पार जा रही है। अस्पताल में दमा और सांस के रोगियों की लाइनें लंबी होने लगी हैं।
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निर्माण कार्यों पर लगाई रोक
प्रदूषण पर कुछ हद तक रोक लगाने के लिए प्रशासन द्वारा कदम उठाए गए हैं। इनमें बड़े निर्माण कार्यों पर जहां फिलहाल रोक लगाने के आदेश दिए हैं। वहीं तारकोल से बनने वाली सड़क के निर्माण पर भी अगले आदेशों तक रोक लगा दी गई है। डीसी डा. आदित्य दहिया ने बताया कि पराली जलाने से रोकने के लिए टीम गठित की गई है, जो निगरानी रखने के साथ-साथ किसानों को पराली नहीं जलाने को लेकर जागरूक कर रही है। इसके अलावा नगर परिषद और नगर पालिकाओं को आदेश जारी किए गए हैं कि कचरे में आग नहीं लगाई जाए। यदि कचरे में आग लगाने की कोई शिकायत आई तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारी पर एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी। अभी तक 15 साल पुराने कोई वाहन नहीं किए जब्त
जींद जिले के एनसीआर एरिया में आने के कारण 15 साल पुराने पैट्रोल और 10 साल पुराने डीजल से चलने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इतने पुराने वाहनों से प्रदूषण बहुत ज्यादा होता है, इसलिए प्रशासन के आदेश हैं कि डीजल से चलने वाला कोई भी वाहन जो, 10 साल से ज्यादा पुराना है और पेट्रोल से चलने वाला वाहन 15 साल पुराना है और सड़कों पर ऑन रूट है तो उसे जब्त कर लिया जाए। हालांकि अभी तक आरटीए विभाग द्वारा कोई वाहन जब्त तो नहीं किया गया है, लेकिन इसे लेकर विभाग गंभीर जरूर हो गया है। बाइक सवार मास्क लगाकर रखें : डॉ. चंद्रमोहन
नागरिक अस्पताल के सर्जन डॉ. चंद्रमोहन शर्मा ने कहा कि धुएं के कारण बाइक व साइकिल पर चलने वाले लोग मुंह पर मास्क जरूर लगाएं। आंखों पर भी चश्मा लगाकर रखें। सांस के मरीज सुबह के समय सैर बंद कर दें। दुकानदार भी मास्क लगाकर रखें। बच्चों को भी घर के अंदर रखें। घर के अंदर का धुआं बाहर निकालने के लिए एग्जास्ट फैन चलाकर रखें।
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यज्ञ करने से होता वायुमंडलीय दबाव कम : आचार्य अग्निदेव
कालवा गुरुकुल के आचार्य अग्निदेव ने बताया कि इस तरह के मौसम में वायुमंडल में धूल के सूक्ष्म कण मिलकर स्थूल कण बनाते हैं, जो वायुमंडल में जमीन के नजदीक तैरते रहते हैं। ऐसे में यज्ञ करने से यज्ञ में निर्मित सूक्ष्म घी के कण इन स्थूल कणों के साथ चिपक कर इसे भारी बना देते हैं, जिससे यह प्रदूषित कण जमीन पर गिर जाते हैं। इसलिए जहां पर यज्ञ किया जाता है, वहां चारों तरफ वायुमंडलीय दबाव कम हो जाता है।
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यह है पिछले एक सप्ताह का प्रदूषण स्तर
तारीख एक्यूआई पीएम 2.5 पीएम 10
26 अक्टूबर 282 339 200
27 अक्टूबर 338 406 346
28 अक्टूबर 371 493 427
29 अक्टूबर 341 406 295
30 अक्टूबर 424 449 404
31 अक्टूबर 385 500 472
1 नवंबर 485 500 479