पार्षद काला व जवाहर सैनी के खिलाफ पुलिस ने एससी एसटी की धाराएं भी लगाई

ईओ डा. सुरेश चौहान के साथ विवाद के मामले में सिविल लाइन थाना पुलिस ने नगर परिषद प्रधान के पति एवं बीजेपी नेता जवाहर सैनी तथा वार्ड नंबर 26 के पार्षद हरेंद्र उर्फ काला के खिलाफ एससी एसटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ दी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Jul 2020 09:57 AM (IST) Updated:Fri, 24 Jul 2020 09:57 AM (IST)
पार्षद काला व जवाहर सैनी के खिलाफ पुलिस ने एससी एसटी की धाराएं भी लगाई
पार्षद काला व जवाहर सैनी के खिलाफ पुलिस ने एससी एसटी की धाराएं भी लगाई

जागरण संवाददाता, जींद : ईओ डा. सुरेश चौहान के साथ विवाद के मामले में सिविल लाइन थाना पुलिस ने नगर परिषद प्रधान के पति एवं बीजेपी नेता जवाहर सैनी तथा वार्ड नंबर 26 के पार्षद हरेंद्र उर्फ काला के खिलाफ एससी एसटी एक्ट की धाराएं भी जोड़ दी हैं। नगर परिषद ईओ डा. सुरेश चौहान ने 17 जुलाई को पुलिस को शिकायत दी थी कि पार्षद हरेंद्र उर्फ काला सैनी उसके कार्यालय में आया और दबाव देकर फाइल पर हस्ताक्षर करवाने लगा। जब उन्होंने कुछ समय इंतजार करने के लिए कहा, तो जवाहर सैनी भी कार्यालय में आ गए। दोनों ने उनके साथ दु‌र्व्यवहार किया और बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी। सिविल लाइन थाना पुलिस ने पांच दिन के बाद दोनों के खिलाफ दु‌र्व्यवहार करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने तथा धमकी देने का मामला दर्ज किया था। लेकिन एससी एसटी की धाराएं नहीं जोड़ी गई थी। ईओ ने दस्तावेज देकर एससी एसटी की धाराएं जोड़ने के लिए लिखा था। सिविल लाइन थाना प्रभारी राजपाल ने बताया कि जवाहर सैनी तथा पार्षद हरेंद्र के खिलाफ दर्ज मामले में एससी एसटी की धाराएं जोड़ दी गई हैं। मामले की जांच की जा रही है।

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पार्षद राममेहर व कर्मबीर मोना की सदस्यता रद करने के लिए मुख्यालय को लिखा

नगर परिषद ईओ डा. एसके चौहान ने पार्षद राममेहर और कर्मबीर मोना की सदस्यता रद करने के लिए स्थानीय निकाय विभाग को लिखा है। पार्षद कर्मबीर मोना और उसके भाई ने पीएमएवाई योजना का लाभ लिया हुआ है। ईओ का कहना है कि एक घर से दो व्यक्ति पीएमएवाई का लाभ नहीं सकते। वहीं पार्षद भी इस योजना का लाभ नहीं ले सकता। कर्मबीर मोना ने गलत तरीके से योजना का लाभ उठाया है। वहीं राममेहर ने जमीन पर कब्जा किया हुआ है। इसलिए दोनों की सदस्यता रद की जाए। वहीं कर्मबीर मोना ने बताया कि उसका भाई व वह काफी सालों से अलग हैं और राशन कार्ड भी अलग-अलग हैं। उन्होंने नियमानुसार योजना का लाभ लिया है। ईओ पर गंभीर आरोप लगाया कि शहर में बंदर पकड़ने का टेंडर जिस सोसायटी को दिया गया है, उस सोसायटी की प्रधान ईओ के परिवार की महिला है। ईओ के खिलाफ कई सबूत हैं। वहीं पार्षद राममेहर ने भी अवैध कब्जा करने की शिकायत को निराधार बताया।

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