खटारा ऑटो आबो-हवा में घोल रहे जहर
जागरण संवाददाता, जींद : शहर में ट्रैफिक व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा बने आटो चालकों को नियमों की कोई परवाह नहीं है। शहर समेत जिलेभर में चल रहे करीब तीन हजार आटो में से लगभग
जागरण संवाददाता, जींद : शहर में ट्रैफिक व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा बने आटो चालकों को नियमों की कोई परवाह नहीं है। शहर समेत जिलेभर में चल रहे करीब तीन हजार आटो में से लगभग 800 आटो 10 साल या इससे ज्यादा पुराने हैं। फिटनेस में खरा नहीं उतरने के कारण आरटीए कार्यालय ने पा¨सग भी रोक दी है। इसके बावजूद बगैर परवाह के सड़कों पर सरपट दौड़ रहे हैं और शहर की आबो-हवा खराब कर रहे हैं। इस यात्रियों की सुरक्षा के साथ पर्यावरण भी दूषित हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि जींद एनसीआर क्षेत्र में आता है। एनसीआर में डीजल वाहन केवल 10 साल तक ही चल सकता है। इसके बावजूद 10 साल से पुराने आटो रिक्शा शहर में चल रहे हैं। खटारा हो चुके ये डीजल से चलने वाले आटो ज्यादा धुआं छोड़ते हैं, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। स्कूली बच्चे भी इन आटो में जाते हैं और प्रशासन का भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। प्रदूषण न फैले, इसके लिए ई-रिक्शा चलाने का प्रावधान है। लेकिन एनसीआर में कई साल पहले शामिल होने के बावजूद शहर में केवल तीन ई-रिक्शा ही रजिस्टर्ड हैं।
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यह पा¨सग के लिए जरूरी
एनसीआर क्षेत्र में डीजल वाहन 10 साल व पेट्रोल वाहन 15 साल तक चल सकते हैं। इस अवधि में वाहन की फिटनेस, इंश्योरेंस, फायर सेफ्टी यंत्र व अन्य कागजात की जांच के बाद वाहन की पा¨सग की जाती है। आटो रिक्शा में चालक के दोनों साइड सीटें नहीं लगा सकते। आटो चालक पा¨सग के समय साइड की सीटें हटा लेते हैं और उसके बाद दोबारा लगा लेते हैं।
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8 से 10 सवारी बैठा रहे
नियमानुसार आटो रिक्शा में केवल तीन सवारी ही बैठा सकते हैं। लेकिन आटो चालक साइड की सीटें लगाकर 8 से 10 सवारी बैठाते हैं। ओवरलोड होने के कारण हादसा होने का डर रहता है। शहर में बस स्टैंड, रानी तालाब, पटियाला चौक, रेलवे जंक्शन व कॉलेजों के बाहर इन आटो रिक्शा की भीड़ लगी रहती है।
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नियमों का पालन नहीं करने वालों पर होगी कार्रवाई
जो आटो 10 साल से पुराने हो चुके हैं, उनका रिकॉर्ड निकलवा कर कार्रवाई की जाएगी। यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। जल्द ही अभियान शुरू किया जाएगा और नियमों का पालन नहीं करने वाले आटो चालकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
-डॉ. मुनीष नागपाल, एडीसी
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प्रशासन को अवैध रूप से चल रहे ऑटो चालकों पर सख्ती करनी चाहिए। 10 साल से पुराने ऑटो को बंद किया जाना चाहिए।
- अंकुर गुप्ता, व्यवसायी
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शहर में आधे से ज्यादा ऑटो बिना लाइसेंस चल रहे हैं। बिना कागज चल रहे ऑटो सुरक्षा को ज्यादा खतरा बने हुए हैं। प्रशासन इन पर एक्शन ले।
सुरेश गोयल, एडवोकेट