सिविल अस्पताल में आउटसोर्सिग कर्मचारियों ने काम बंद किया

सिविल अस्पताल में आउटसोर्सिग का ठेका खत्म होने के बाद से अस्पताल के हालात अब बद से बदतर होते जा रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत गायनी प्रसूति वार्ड और इमरजेंसी वार्ड में हो रही हैं। महिला प्रसूति वार्ड में सफाई व्यवस्था बिगड़ने के साथ वहां पर सिक्योरिटी के लिए कोई गार्ड तैनात नहीं है जो हर समय होनी चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 13 Jul 2019 06:10 AM (IST) Updated:Sat, 13 Jul 2019 06:36 AM (IST)
सिविल अस्पताल में आउटसोर्सिग कर्मचारियों ने काम बंद किया
सिविल अस्पताल में आउटसोर्सिग कर्मचारियों ने काम बंद किया

जागरण संवाददाता, जींद : सिविल अस्पताल में आउटसोर्सिग का ठेका खत्म होने के बाद से अस्पताल के हालात अब बद से बदतर होते जा रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत गायनी, प्रसूति वार्ड और इमरजेंसी वार्ड में हो रही हैं। महिला प्रसूति वार्ड में सफाई व्यवस्था बिगड़ने के साथ वहां पर सिक्योरिटी के लिए कोई गार्ड तैनात नहीं है, जो हर समय होनी चाहिए।

अस्पताल में सफाई से लेकर सिक्योरिटी तक का ठेका एक कंपनी को दिया हुआ था। ठेकेदार ने अस्पताल की व्यवस्था बनाने के लिए आउटसोर्सिंग के तहत कर्मचारी रखे थे। आउटसोर्सिंग के यह कर्मचारी सफाई, सिक्योरिटी, ओपीडी स्लिप बनाने के काम कर रहे थे। 30 जून को आउटसोर्सिंग का ठेका खत्म हुआ तो यह सब व्यवस्था पटरी से उतरने लगी। कुछ दिनों तक तो आउटसोर्सिंग के तहत लगे इन कर्मचारियों ने बिना सेलरी के ही काम किया लेकिन इन कर्मचारियों को दोबारा से डयूटी पर नहीं लिए जाने से अस्पताल के हालात अब बिगड़ने लगे हैं। नई बिल्डिंग से लेकर पुरानी बिल्डिंग में फर्श पर धूल नजर आ रही है। आप्रेशन थियेटर और दंत चिकित्सक तथा दूसरे कमरों के आगे धूल जमा होने से यहां पर इंफेक्शन का खतरा बढ़ रहा है। बिजली और पानी की व्यवस्था भी आउटसोर्सिग कर्मचारियों के जिम्मे है। लाइट चले जाने पर जनरेटर चलाना तथा पानी की मोटर चलाना, सब आउटसोर्सिंग के तहत लगे कर्मचारी ही कर रहे थे। अस्पताल प्रशासन के भी व्यवस्था को दुरूस्त करने की दिशा में कोई गंभीर प्रयास अभी तक नजर नहीं आ रहे। जल्द सफाई को लेकर कोई व्यवस्था अस्पताल प्रशासन द्वारा नहीं की गई तो मरीजों की मुसीबतें और बढ़ जाएंगी। डंपिंग प्वाइंट तक नहीं पहुंच पा रहा कचरा

बता दें कि सिविल अस्पताल के पीपी सेंटर के पास पूरे अस्पताल से निकलने वाला कचरा डंप किया जाता है। इस डंपिग प्वाइंट से ही कचरे का उठान होता है। अस्पताल के वार्डो से निकलने वाले कचरे को आउटसोर्सिग के तहत लगे कर्मचारी डंपिग प्वाइंट तक पहुंचाते हैं। कर्मचारियों के नहीं होने से वार्डो का कचरा वार्ड के बाहर ही पड़ा है। इससे एक तो गंदगी फेल रही है, वहीं इंफेक्शन का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है। वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है: अग्रवाल

नागरिक अस्पताल में चरमराई सफाई व्यवस्था को लेकर सिविल सर्जन डॉ. शशि प्रभा अग्रवाल का कहना है कि व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। ओपीडी स्लिप बनाने के लिए रेगुलर स्टाफ लगाया गया है। बिजली और पानी की व्यवस्था के लिए दो कर्मचारियों को अस्थायी रूप से लगाने के लिए भी लिखा गया है। सोमवार तक व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी।

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