भूख हड़ताल पर दो एनएचएम कर्मियों की बिगड़ी हालत

जागरण संवाददाता जींद एनएचएम कर्मचारियों की एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल रविवार को 20वें दिन भी जारी रही। मांगों को लेकर 72 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठे सूचना सहायक राजेश व देवेंद्र की दोपहर बाद अचानक तबीयत बिगड़ गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Feb 2019 10:42 AM (IST) Updated:Mon, 25 Feb 2019 10:42 AM (IST)
भूख हड़ताल पर दो एनएचएम कर्मियों की बिगड़ी हालत
भूख हड़ताल पर दो एनएचएम कर्मियों की बिगड़ी हालत

जागरण संवाददाता, जींद : एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल रविवार को 20वें दिन भी जारी रही। मांगों को लेकर 72 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठे सूचना सहायक राजेश व देवेंद्र की दोपहर बाद अचानक तबीयत बिगड़ गई। दोनों की गंभीर हालात होते हुए देखकर धरने पर बैठे कर्मचारियों ने उनको नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया। जहां पर दोनों कर्मचारियों को देर शाम को तबीयत में सुधार होने पर छुट्टी दे दी। जिले में कार्यरत एनएचएम कर्मचारियों पिछले एक सप्ताह से 24 घंटे की भूख हड़ताल शुरू किए हुए है, लेकिन दो दिन पहले सूचना सहायक राजेश व देवेंद्र ने 14 घंटे की बजाए 72 घंटे की भूख हड़ताल शुरू कर दी। जहां पर करीब 57 घंटे होने के बाद पेट में दर्द शुरू हो गया और दर्द के कारण कहराने लगे। इस दौरान कर्मचारी नेताओं ने कहा कि वह 20 दिन से शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठे हुए है, लेकिन सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए है और उनकी मांगों को नहीं सुन रही है। अगर दोनों कर्मचारियों को कुछ हो गया तो इसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार पर अफसरशाही भारी पड़ रही है, क्योंकि अधिकारियों ने सरकार को बरगलाया है कि एनएचएम कर्मचारी साल में दस बार हड़ताल पर गए है जोकि झूठ है। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि ढ़ाई साल मे हमने केवल दो ही हड़ताल की है उसके लिए भी सरकार ही जिम्मेवार है, क्योंकि एनएचएम कर्मचारियों की एक साल में 18 मी¨टग हो चुकी है। अधिकारियों का रवैया गलत रहा है। विधानसभा में मुख्यमत्री से झूठ बुलवाया जा रहा है। सेवा सुरक्षा से सरकार पर वित्तीय बोझ भी नहीं है तो सरकार को स्थाई सेवा नियम लागू करने में सरकार को क्या परेशानी है। अधिकारियों द्वारा एक-एक करके हड़ताली कर्मचारियों को डराया और धमकाया जा रहा है कि वो जल्द से जल्द ज्वाइन करे, लेकिन सभी कर्मचारी आंदोलन में डटे हुए है और कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि अब तो आर पार की लड़ाई है हम अपना हक लेकर ही मानेंगे।

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