ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा : प्लास्टिक युक्त तारकोल से बनेगी जींद की 9 सड़कें

ग्रीन तकनीक को अपनाते हुए जींद जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना फेज-3 के तहत वेस्ट प्लास्टिक से 9 सड़कों का निर्माण करवाया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Jul 2020 09:31 AM (IST) Updated:Thu, 30 Jul 2020 09:31 AM (IST)
ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा : प्लास्टिक युक्त तारकोल से बनेगी जींद की 9 सड़कें
ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा : प्लास्टिक युक्त तारकोल से बनेगी जींद की 9 सड़कें

प्रदीप घोघड़ियां, जींद

ग्रीन तकनीक को अपनाते हुए जींद जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना फेज-3 के तहत वेस्ट प्लास्टिक से 9 सड़कों का निर्माण करवाया जाएगा। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्लास्टिक युक्त तारकोल से बनाई जाने वाली इन सड़कों की लाइफ तो मजबूत होगी ही साथ ही इससे ग्रीन टेक्नोलॉजी को भी बढ़ावा मिलेगा और यह सड़क पर्यावरण फ्रेंडली होगी।

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला द्वारा घोषणा की गई थी वेस्ट प्लास्टिक का प्रयोग सड़क बनाने में किया जाएगा। इससे स्वच्छ भारत मिशन का सपना भी साकार होगा। प्लास्टि वेस्ट से सड़क बनाने पर काम शुरू हो गया है। गांवों से निकलने वाले वेस्ट प्लास्टिक को सड़क बनाने के लिए प्रयोग में लाया जाएगा। लोक निर्माण विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों से पोलिथिन खरीदा जाएगा। गांवों में प्लास्टिक वेस्ट कहां पर एकत्रित किया जाएगा और इसे लोक निर्माण विभाग तक कैसे पहुंचाया जाएगा, इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के बीडीपीओ की रहेगी। इससे गांव भी कचरा मुक्त होंगे तथा पंचायतों को भी मुनाफा होगा।

जींद ब्लॉक की इन सड़कों में होगा पोलिथिन युक्त तारकोल का प्रयोग

-अहिरका से रूपगढ़ और जीतगढ़

--सफीदों से हाट-ऐंचरा

--रोहड़ से मुआना

--मालवी रोड

नरवाना क्षेत्र की इन सड़कों को बनाने में होगा पॉलीथिन युक्त तारकोल का प्रयोग

नरवाना के लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन लोकेश डागर के अनुसार नरवाना क्षेत्र में पांच सड़कें प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना फेज-3 के तहत बनाई जाएंगी। इन सड़कों में प्लास्टिक वेस्ट का प्रयोग होगा।

--अलेवा से कमालपुर

--नगूरां से डाहौला, हसनपुर, गोइयां, ढिल्लूवाला, नगूरां

--बड़ौदी से बड़ौदा वाया भौंसला, कहसून

--नरवाना से समैण रोड

ऐसे तैयार होगी प्लास्टिक वेस्ट से सड़क

सड़क बनाने वाले पत्थर या बजरी को 170 डिग्री सेल्सियस तक गर्म कर इसमें प्लास्टिक के टुकड़ों को मिलाया जाता है। 30 सेकेंड में प्लास्टिक पिघलकर पत्थर से चिपक जाता है। उसके बाद हॉट मिक्सिंग प्लांट में 160 डिग्री सेल्सियस तक गर्म तारकोल को मशीनों के टैंक में मिश्रित किया जाता है। इस तरह सड़क बनाने का मिश्रण तैयार हो जाता है। इसी मिश्रण से सड़क की लेयर तैयार हो जाती है। प्लास्टिक वेस्ट के मिश्रण के बाद तारकोल को पहले से ज्यादा मजबूती मिलेगी।

प्लास्टिक वेस्ट से सड़कों की लाइफ पहले से होगी बेहतर : नैन

लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन नवनीत नैन और नरवाना के एक्सईएन लोकेश डागर ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में प्लास्टिक वेस्ट का प्रावधान होगा। प्लास्टिक वेस्ट को तारकोल में मिलाने के बाद इसकी लाइफ पहले से मजबूत होगी तो वहीं पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। वहीं इससे विभाग को भी कुछ हद तक बचत होगी। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन तक यह प्लास्टिक वेस्ट कैसे पहुंचेगा।

chat bot
आपका साथी