दो पार्षदों की सदस्यता के फैसले पर टिकी विरोधियों की उम्मीदें

नगर परिषद प्रधान पूनम सैनी के समर्थित पार्षद कर्मबीर मोना और राममेहर की सदस्यता के फैसले पर विरोधियों की उम्मीदें टिकी हैं। अगर दोनों पार्षदों की सदस्यता समाप्त हो जाती है तो समीकरण बदल सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Oct 2020 06:11 AM (IST) Updated:Sat, 17 Oct 2020 06:11 AM (IST)
दो पार्षदों की सदस्यता के फैसले पर टिकी विरोधियों की उम्मीदें
दो पार्षदों की सदस्यता के फैसले पर टिकी विरोधियों की उम्मीदें

जागरण संवाददाता, जींद : नगर परिषद प्रधान पूनम सैनी के समर्थित पार्षद कर्मबीर मोना और राममेहर की सदस्यता के फैसले पर विरोधियों की उम्मीदें टिकी हैं। अगर दोनों पार्षदों की सदस्यता समाप्त हो जाती है, तो समीकरण बदल सकते हैं। शुक्रवार को विरोधी पार्षदों ने सफीदों रोड पर एक पार्षद के कार्यालय में मीटिग की। जिसमें विरोधी खेमे के ज्यादातर पार्षद मौजूद थे। गौरतलब है कि प्रधान पूनम सैनी को कुर्सी से हटाने के लिए 18 सितंबर को 21 पार्षदों की तरफ से डीसी को शपथ पत्र सौंपे गए थे। लेकिन पिछले दिनों वार्ड 30 के पार्षद राममेहर और वार्ड 25 की पार्षद ज्योति वापस प्रधान के खेमे में चले गए और डीसी से मिल कर अपने शपथ पत्र वापस ले लिए। जिसके बाद विरोधी खेमे के पास केवल 19 पार्षद रह गए। जबकि प्रधान के खिलाफ दो तिहाई बहुमत के लिए 31 में से 21 पार्षदों की जरूरत है। पार्षद कर्मबीर मोना पर पीएमएवाई के तहत गलत तरीके से लाभ पाने का आरोप है। वहीं राममेहर पर अतिक्रमण करने का आरोप है। दोनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए फाइल मुख्यालय गई हुई है। विरोधी पार्षदों को इन दोनों पार्षदों की जल्द सदस्यता खत्म होने की उम्मीद है। अगर इन दोनों पार्षदों की सदस्यता खत्म होती है, तो प्रधान के पास पार्षद 12 से घट कर 10 रह जाएंगे। जिसके बाद विरोधियों को प्रधान को कुर्सी से हटाने के लिए नए सिरे से योजना बनाने का मौका मिल जाएगा।

एक-दूसरे के पाले में सेंध लगाने का प्रयास

प्रधान विरोधी खेमे में सेंध लगाकर दो पार्षदों को अपने पाले में ले जा चुकी हैं। कुछ और पार्षदों से भी संपर्क साधने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं विरोधी पार्षद भी उनके पाले से गए दोनों पार्षदों को मनाने के प्रयास के साथ-साथ प्रधान समर्थित कुछ और पार्षदों से संपर्क साधने में जुटे हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिग के लिए प्रशासन से अभी डेट नहीं मिली है। प्रशासन भी स्थानीय निकाय विभाग से पार्षद राममेहर और कर्मबीर मोना की सदस्यता पर फैसला आने का इंतजार कर रहा है। वहीं दो पार्षदों द्वारा अपने शपथ पत्र वापस लेने से विरोधियों के पास दो तिहाई बहुमत नहीं होने पर मीटिग बुलाई जा सकती है या नहीं, इस पर भी मुख्यालय से गाइडलाइन मांगी हुई हैं।

जलपान के लिए हुए थे एकत्रित

विरोधी खेमे की मीटिग की चर्चाएं दिनभर चलती रही। हालांकि मीटिग में क्या हुआ, इसके बारे में पार्षदों ने बताने से इंकार कर दिया। पार्षद प्रवीन बेनिवाल ने बताया कि जलपान के लिए वैसे ही पार्षद इकट्ठे हुए थे और शहर के मौजूदा हालातों पर चर्चा हुई। दो पार्षदों पर आरोप साबित हो चुके हैं, इसलिए उनकी सदस्यता तुरंत खत्म होनी चाहिए।

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