सीआरएसयू में योग सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा

चौधरी रणबीर ¨सह विश्वविद्यालय में योग सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति का मामला सामने आया है। मामला साल 2015 का है, जिसका खुलासा आरटीआइ से हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Nov 2018 02:06 AM (IST) Updated:Sat, 24 Nov 2018 02:06 AM (IST)
सीआरएसयू में योग सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा
सीआरएसयू में योग सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा

जागरण संवाददाता, जींद : चौधरी रणबीर ¨सह विश्वविद्यालय में योग सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति का मामला सामने आया है। मामला साल 2015 का है, जिसका खुलासा आरटीआइ से हुआ है। डिफेंस कॉलोनी निवासी रीना ने सीआरएसयू प्रबंधन पर फर्जी डिग्री होने के बावजूद रोहतक की सोनिया की नियुक्ति करने व बाद में तथ्यों की गलत जानकारी देने के आरोप लगाए हैं।

रीना ने बताया कि सीआरएसयू में अनुबंध के आधार पर प्रोफेसर योग के लिए भर्ती निकली हुई थी। जिसके लिए 27 अगस्त 2015 को साक्षात्कार लिए गए। उसने भी साक्षात्कार दिया था। इस साक्षात्कार के आधार पर रोहतक की सोनिया का चयन किया गया। चयनित उम्मीदवार सोनिया ने अपनी शैक्षणिक योग्यता में छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के शारीरिक शिक्षा विभाग में पीएचडी की डिग्री प्रस्तुत की है। उक्त विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी व आरटीआइ से मिली जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा पीएचडी कराने का प्रावधान ही नहीं है। जबकि सीआरएसयू प्रबंधन से इस बारे में आरटीआइ से जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने खुद ही अपने स्तर पर झूठी रिपोर्ट तैयार करके गुमराह किया कि उक्त विश्वविद्यालय से डिग्री को वेरिफाई कराया गया है, जिसमें डिग्री सही पाई गई है। लेकिन इस बारे में छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय से जानकारी ली गई, तो उन्होंने सीआरएसयू द्वारा इस संबंध में कोई वेरिफिकेशन कराने की बात से इंकार कर दिया। बाद में मामला उजागर होने के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने उक्त महिला का उसके पिता की बीमारी का हवाला देते हुए रिजाइन करा दिया गया। उनके पद से रिजाइन करने के बाद नियमानुसार मेरिट के अनुसार उसे नियुक्ति मिलनी चाहिए थी। लेकिन दोबारा इंटरव्यू लेकर किसी और व्यक्ति को नियुक्ति दे दी गई। इस मामले में रीना ने यूजीसी, शिक्षा मंत्री, हायर एजुकेशन निदेशालय को कार्रवाई के लिए शिकायत दी हुई है। कराएंगे जांच

ये मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। यह भर्ती उनके कार्यकाल से पहले की है। अगर उनके पास इस तरह की कोई शिकायत आती है, तो वे मामले की गहनता से जांच कराएंगे। जांच में जो दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. राजबीर ¨सह, रजिस्ट्रार, सीआरएसयू

chat bot
आपका साथी