मिलों की लिमिट हुई खत्म हुई, तो एजेंसी ने नहीं खरीदा धान, किसानों ने गेट पर लगाया ताला

धान की आवक बढ़ने से मंडियों में धान जगह नहीं बची है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 07:10 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 07:10 AM (IST)
मिलों की लिमिट हुई खत्म हुई, तो एजेंसी ने नहीं खरीदा धान, किसानों ने गेट पर लगाया ताला
मिलों की लिमिट हुई खत्म हुई, तो एजेंसी ने नहीं खरीदा धान, किसानों ने गेट पर लगाया ताला

संवाद सूत्र, नरवाना : धान की आवक बढ़ने से मंडियों में धान जगह नहीं बची है। जिस कारण किसानों को धान की फसल सड़क पर ही उतारना पड़ रही है। वहीं एजेंसियों द्वारा अलॉट की गई मिलों की लिमिट पूरी होने के कारण मिलर्स धान लेने से इंकार कर रहे हैं। जिस कारण एजेंसियां भी धान खरीदने में कोई रुचि नहीं दिखा रही हैं। खरीद नहीं होने पर किसान आए दिन मंडी के गेट पर ताला लगा रहे हैं। वीरवार को किसानों द्वारा मेला मंडी के गेट को चार घंटे बंद रखने के बाद नायब तहसीलदार वीरेंद्र कुमार व सचिव जोगेंद्र सिंह ने आश्वासन दिया गया था कि तीनों एजेंसियों द्वारा मेला मंडी और कपास मंडी में धान की बोली करवाई जाएगी। शुक्रवार को हैफेड की खरीद का दिन था। हैफेड ने केवल मेला मंडी के एक भाग में ही बोली करवाई। जबकि दूसरे भाग में खरीद दोपहर तक शुरू नहीं हो सकी। जिस पर किसानों के सब्र का बांध टूट गया और मेला मंडी के गेट पर ताला लगा कर धरना पर बैठ गए। वहीं कपास मंडी में बोली न पहुंचने पर किसानों ने भी गेट को बंद कर दिया। किसानों का कहना है कि अधिकारियों के आदेश के बाद भी बोली शुरू नहीं करवाई जाती, तो इससे लगता है कि एजेंसी मार्केट कमेटी अधिकारियों पर हावी हैं। धान खरीदने के बाद तुलाई के लिए एजेंसी द्वारा बारदाना उपलब्ध नहीं करवाया जाता है। जिस कारण किसान को बारदाना मिलने तक मंडी में बैठना पड़ता है। किसानों को अबकी बार धान बेचने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा है। लेकिन उच्च अधिकारियों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। मिलों की लिमिट बढ़ाने के लिए डीसी से मिले

मिलों की लिमिट पूरी होने के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के मा. बलबीर सिंह व चांद बहादुर डीसी डा. आदित्य दहिया से मिले। उन्होंने किसानों को आ रही परेशानी बताई और मिलों की लिमिट बढ़ाने की मांग रखी। जिस पर डीसी ने उनकी बात मानते हुए तुरंत मिलों की लिमिट बढ़ाने के आदेश दिए। वहीं मार्केट कमेटी सचिव जोगेंद्र सिंह भी डीसी से मिले और उन्होंने एजेंसियों द्वारा धान खरीदने में बरती गई कोताही के बारे में बताया। पेमेंट न होने पर आढ़ती व किसान परेशान

धान की खरीद होने के बाद पेमेंट न होने पर मंडी एसोसिएशन के कार्यालय में प्रधान जयदेव बंसल की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें प्रधान जयदेव बंसल ने कहा कि धान खरीद होने के बाद पेमेंट नहीं होती है। जिससे किसान और आढ़ती परेशान हैं। मिलों की लिमिट समाप्त होने के बाद धान की खरीद नहीं हो पा रही है। इसलिए पीआर धान खरीदने के लिए लिमिट बढ़ाई जाए, ताकि किसानों का एक-एक दाना खरीदा जा सके।

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