जिला जेल के बंदियों की उगाई आर्गेनिक सब्जियां खाएंगे दूसरी जेलों के बंदी

जागरण संवाददाता, जींद : जिला जेल में बंदियों द्वारा मेहनत कर उगाई कर पांच एकड़ में सब्जिया

By Edited By: Publish:Mon, 16 Jan 2017 11:18 PM (IST) Updated:Mon, 16 Jan 2017 11:18 PM (IST)
जिला जेल के बंदियों की उगाई आर्गेनिक  सब्जियां खाएंगे दूसरी जेलों के बंदी
जिला जेल के बंदियों की उगाई आर्गेनिक सब्जियां खाएंगे दूसरी जेलों के बंदी

जागरण संवाददाता, जींद : जिला जेल में बंदियों द्वारा मेहनत कर उगाई कर पांच एकड़ में सब्जियां जल्द ही प्रदेश के अन्य जिलों में बंद बंदी खाएंगे। फिलहाल पानीपत व कैथल जेलों में बंदियों के लिए सब्जियां भेजी गई है जबकि अन्य जेलों की डिमांड के अनुसार सब्जियां भेजी जाएंगी। यही नहीं सब्जियां खरीदने पर होने वाला खर्च भी इस बार काफी कम आया है। यह सब पंजाब नेशनल बैंक के सौजन्य से दिए गए प्रशिक्षण के बाद संभव हो सका है और अब बंदियों द्वारा खेती कर जेल प्रशासन अन्य जेलों के लिए सब्जियां भेजने का काम कर रहा हैं।

जिला जेल में पांच एकड़ में आर्गेनिक खेती की जा रही है। इस बार यहां पर गाजर, मूली, शलगम, बैंगन, पालक व गोभी की सब्जियां उगाई गई। पंजाब नेशनल बैंक की ओर से बंदियों को आर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद बंदियों ने फसलों को लगाया और अब डेढ़ माह बाद उनकी मेहनत रंग लाई, जिससे काफी सब्जियों की पैदावार हुई। फिलहाल इन सब्जियों को मांग के अनुसार कैथल व पानीपत की जेलों में भेजा गया है। कैथल जेल में तीन-चार दिन की लगभग 70-70 किलोग्राम सब्जियां भेजी गई हैं। इसी प्रकार से पानीपत में चार दिन के लिए 50-50 किलोग्राम सब्जियां भेजी गई हैं। जेल विभाग को सब्जियों के उत्पादन से काफी वित्तीय लाभ भी हुआ है। जिला जेल में बंदियों के लिए सब्जियां खरीदने पर एक माह का खर्च लगभग 90 हजार रुपये आता था, जोकि अब घटकर सिर्फ 22 हजार रुपये रह गया है।

इन जेलों से मांगी गई डिमांड

जेल प्रशासन की ओर से आसपास के जिलों सोनीपत, रोहतक, हिसार, भिवानी, करनाल आदि जेलों से भी सब्जियों भेजने के लिए डिमांड मांगी गई है। जैसे ही प्रशासन को डिमांड मिलेगी, उसी के अनुसार सब्जियां भेजी जाएंगी।

जिला जेल में महानिदेशक कारागार हरियाणा यशपाल ¨सगल के मार्गदर्शन में लगभग पांच एकड़ में गाजर, मूली, शलगम, बैंगन, पालक व गोभी की सब्जियां तैयार की गई हैं। बंदियों द्वारा ऑर्गेनिक सब्जियां तैयार की गई हैं। इससे बंदियों को व्यस्त रखा जाता है ताकि उन्हें अपने परिवार व सजा के बारे में किसी प्रकार का तनाव कम हो। बंदियों को जिला जेल में सब्जियां उगाने की नई-नई तकनीकों का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। पंजाब नेशनल बैंक के सौजन्य से ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा भी बंदियों के लिए अलग से सब्जियों के प्रशिक्षण हेतु प्रबंध किया गया है, जिससे बंदी सब्जी की आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करके सब्जियां उगा रहे हैं। जेल से जो भी बंदी बाहर जाए वह कुछ न कुछ सीखकर ही जाए और समाज की मुख्यधारा से जुड़े।

सेवा ¨सह, उपाधीक्षक जेल, जींद।

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