खुद के ही घर में अलग रह रहे डॉ. संदीप शर्मा, खुद ही धोते हैं कपड़े

कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने की खातिर जब से जिले में लॉकडाउन लागू किया गया है उसी दिन से नागरिक अस्पताल में आयुष मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात डॉ. संदीप शर्मा का लाइफ स्टाइल ही बदल गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Apr 2020 09:55 AM (IST) Updated:Thu, 30 Apr 2020 09:55 AM (IST)
खुद के ही घर में अलग रह रहे डॉ. संदीप शर्मा, खुद ही धोते हैं कपड़े
खुद के ही घर में अलग रह रहे डॉ. संदीप शर्मा, खुद ही धोते हैं कपड़े

प्रदीप घोघड़ियां, जींद

कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने की खातिर जब से जिले में लॉकडाउन लागू किया गया है, उसी दिन से नागरिक अस्पताल में आयुष मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात डॉ. संदीप शर्मा का लाइफ स्टाइल ही बदल गया है। पिछले सवा महीने से आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉ. संदीप शर्मा खुद के ही घर में अलग रह रहे हैं तो कपड़े भी खुद ही धोते हैं, ताकि परिवार के दूसरे सदस्यों को किसी तरह के संक्रमण का खतरा न हो। डॉ. संदीप शर्मा उन महायोद्धाओं में से एक हैं, जो कोरोना के खिलाफ जंग लड़ते हुए फ्रंट पर खड़े हैं।

लॉकडाउन से पहले डॉ. संदीप शर्मा ज्यादातर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ड्यूटी करते थे। जब से वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है, तभी से डॉ. संदीप शर्मा की ड्यूटी आइसोलेशन वार्ड में लगाई गई है। अब ज्यादातर ड्यूटी शाम की होती है। वह सैंपलिग के दौरान चिकित्सकों की मदद करते हैं तो साथ ही रिकॉर्ड मेनटेन करना हो या दूसरा कार्य, उसे डॉ. संदीप बखूबी निभाते हैं। अगर रात को कोई मरीज नागरिक अस्पताल में लाया जाता है तो उसकी स्क्रीनिग से लेकर उसे एडमिट और मरीज की मेडिसिन तक सब कार्य डॉ. संदीप की देखरेख में होता है। लगातार घंटों काम करने के बाद भी डॉ. संदीप के चेहरे पर जरा सी भी थकान नजर नहीं आती।

खुद ही धोते हैं अपने कपड़े

डॉ. संदीप शर्मा बताते हैं कि जिस आइसोलेश वार्ड में उनकी ड्यूटी लगी है, वहां पर कोरोना आशंकितों को रखा जाता है और सैंपल लिए जाते हैं। इसलिए जरा सी चूक के संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। प्रदेश में सभी बड़े अस्पतालों के चिकित्सकों में कोरोना संक्रमण पाया गया है, इसलिए वह खुद बहुत ही सावधानी बरतते हैं। ड्यूटी के बाद घर जाते हैं तो सीधे बाथरूम में जाते हैं और पानी में डेटॉल डालकर नहाते हैं। अपने कपड़ों को भी खुद ही धोते हैं। खुद के सारे कपड़े अलग से रखते हैं। अपने घर में खुद के लिए अलग कमरा बनाया गया है। वहीं पर खाना आ जाता है। डॉ. शर्मा ने कहा कि वह लोग फ्रंट पर आकर कोरोना की जंग लड़ रहे हैं, लोगों को चाहिए कि घरों में रहकर कोरोना को हराने के लिए साथ दें।

अपनी मर्जी से ही चुनी शाम की ड्यूटी

डॉ. संदीप शर्मा की ड्यूटी नॉर्मली सुबह 9 से 3 बजे तक रहती थी। लेकिन कोरोना के कारण देश पर आई संकट की स्थिति में उन्होंने खुद ही शाम की ड्यूटी चुनी, क्योंकि रात को किसी भी तरह की इमरजेंसी हो सकती है। इमरजेंसी स्थिति से निपटने के लिए वह रात को ड्यूटी कर रहे हैं। वह बताते हैं कि इस तरह के हालात में ड्यूटी कर उन्हें खुद पर गर्व महसूस होता है।

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