लड़का-लड़की का भेद मिटाने के लिए जागरूकता की आवश्यकता : अनिल मलिक

हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की महत्वाकांक्षी परियोजना बाल सलाह परामर्श व कल्याण केंद्रों की स्थापना के तहत उचाना के गांव बड़ौदा स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के लिए जिले के 41वें और प्रदेश के 91वें परामर्श केन्द्र की स्थापना राज्य परियोजना नोडल अधिकारी अनिल मलिक द्वारा की गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 08:30 AM (IST) Updated:Thu, 05 Dec 2019 08:30 AM (IST)
लड़का-लड़की का भेद मिटाने के लिए जागरूकता की आवश्यकता : अनिल मलिक
लड़का-लड़की का भेद मिटाने के लिए जागरूकता की आवश्यकता : अनिल मलिक

जागरण संवाददाता, जींद : हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की महत्वाकांक्षी परियोजना बाल सलाह, परामर्श व कल्याण केंद्रों की स्थापना के तहत उचाना के गांव बड़ौदा स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं के लिए जिले के 41वें और प्रदेश के 91वें परामर्श केन्द्र की स्थापना राज्य परियोजना नोडल अधिकारी, अनिल मलिक द्वारा की गई। इस मौके पर उनके साथ स्कूल प्राचार्य राजेंद्र सिंह व परियोजना संयोजक उदयचंद भी मौजूद रहे। स्थापना के अवसर पर लैंगिक संवेदनशीलता पर सेमिनार हुआ। अनिल मलिक ने बच्चों को संबोधित करते हुए लड़के और लड़की का भेद मिटाने के लिए एक व्यापक जागरूकता की आवश्यकता है, कहीं ना कहीं सरकार और सामाजिक संस्थाओं के बेहतर कार्य से सकारात्मक परिणाम नजर भी आ रहे हैं, इसके बावजूद और अधिक सकारात्मक परिणामों के लिए माता-पिता को बच्चों की परवरिश एक बच्चे की तरह से करनी होगी ना कि बेटा या बेटी के नजरिए से। लड़कों को भी माता-पिता द्वारा वह काम करने के मौके दिए जाएं, जो लड़कियों और महिलाओं द्वारा किए जाते हैं। स्कूल प्राचार्य राजेंद्र सिंह ने हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवाओं की इस परियोजना हेतु कहा कि आज के समय में हर व्यक्ति को किसी ना किसी चिता के निवारण हेतु अच्छी सलाह और परामर्श की जरूरत रहती है। बाल कल्याण परिषद यह काम बखूबी निभा रही हैं।

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