खरकभूरा का अशोक श्योकंद बना कर्नल

भारतीय सेना में मेजर के पद पर कार्यरत खरकभूरा गांव के अशोक श्योकंद कर्नल बन गए। उनका गांव में मंगलवार देर शाम पहुंचने पर ग्रामीणों ने स्वागत किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 08:00 AM (IST)
खरकभूरा का अशोक श्योकंद बना कर्नल
खरकभूरा का अशोक श्योकंद बना कर्नल

संवाद सूत्र, उचाना : भारतीय सेना में मेजर के पद पर कार्यरत खरकभूरा गांव के अशोक श्योकंद कर्नल बन गए। उनका गांव में मंगलवार देर शाम पहुंचने पर ग्रामीणों ने स्वागत किया। गांव में आठवीं की पढ़ाई करने के बाद अशोक ने 10वीं गीता विद्या मंदिर स्कूल उचाना मंडी, 12वीं आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल नरवाना के बाद कॉलेज की पढ़ाई केएम कॉलेज नरवाना, एमबीए एमडी यूनिवसिर्टी रोहतक से की। भारतीय सेना में 26 अक्टूबर 1994 में क्लर्क के तौर पर भर्ती हुए। चार साल के बाद थल सेना में कमीशन मिलने के बाद लेफ्टिनेंट बने। लेफ्टिनेट बनने के बाद वो कैप्टन बने। शोक श्योकंद ने बताया कि आज वो जिस मुकाम पर है वो उनके पिता स्व. करतार श्योकंद की देन है। उनके परिवार का शुरू से ही फौजी को लेकर रूझान रहा है। उनका बड़ा भाई दलबीर एयर फोर्स से रिटायर्ड हो चुके है तो उनका भतीजा राहुल लेफ्टिनेंट लगा था जो अब कैप्टन बन चुका है। उनके पिता स्व. करतार श्योकंद हमेशा उनके प्रेरणा स्रोत रहे। युवाओं को चाहिए कि वो अपना लक्ष्य अवश्य निर्धारित करें। बिना लक्ष्य निधररित करें आप आगे नहीं बढ़ सकते है। युवा स्कूल स्तर से ही यह तय करे कि उन्हें क्या जीवन में आगे जाकर करना है तो उस लक्ष्य को प्राप्त कर वो कड़ी मेहनत कर उसको पा सकें। इस मौके पर कृष्ण श्योकंद, साधुराम, दीदार सिंह, चांदीराम, केहर सिंह, सत्यवान, मनोज, राजा मौजूद रहे।

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