प्रशासन फेल हुआ तो लोगों ने चंदा इकट्ठा कर हर्बल में लगाई लाइटें
शहर के हर्बल पार्क की दुर्दशा को प्रशासन तो दूर नहीं कर पाया लेकिन यहां घूमने वाले लोगों ने खुद ही इस पार्क की दशा सुधारने का काम किया।
जागरण संवाददाता, जींद: शहर के हर्बल पार्क की दुर्दशा को प्रशासन तो दूर नहीं कर पाया, लेकिन यहां घूमने वाले लोगों ने खुद ही इस पार्क की दशा सुधारने का काम किया। अन्ना टीम सदस्य सुनील वशिष्ठ ने बताया कि दो माह पहले कुछ लोगों ने बताया कि यहां लोग सुबह घूमने आते हैं तो लाइट न होने के चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। परिक्रमा में अनेक बार सामने सांप तक आ जाते हैं। इस बारे में प्रशासनिक अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कोरोना के चलते बजट उपलब्ध न होने की बात कही। इस बारे में डीसी को भी अवगत करवाया और उन्होंने भी डी-प्लान उपलब्ध न होने की वजह से नगर परिषद से यह कार्य संपन्न करवाने के निर्देश दिए, लेकिन नगर परिषद में चल रही अनिश्चितता व उठापटक की स्थिति के चलते यह कार्य संभव नहीं हो पा रहा था। वन मंडल अधिकारी रोहताश बिरथल से इस विषय को लेकर बैठक हुई और तय किया गया कि स्वयं ही इस कार्य को करवाया जाएगा। सुनील ने बताया कि इस सारे कार्य में लगभग 60 हजार रुपये खर्च आया है। इसमें वन मंडल अधिकारी रोहताश बिरथल ने भी अपना सहयोग दिया। अब हर्बल पार्क की परिक्रमा सहित लगभग सभी लाइटें जलने लगी हैं। ओपन जिम खराब होने पर पिछले साल उनकी मररमत भी लोगों ने करवाई गई थी। अब फिर से करवाई गई है। जल्द ही हर्बल पार्क में जंगली जानवरों की शक्ल में चार खूबसूरत डस्टबिन भी लगाए जा रहे हैं।
वायरिग बदलने के साथ लाइट बदलने का काम किया
वन मंडल अधिकारी रोहताश बिरथल ने बताया कि पार्क में लाइट खराब होने का बड़ा कारण हर्बल पार्क में एक साल पहले नहरी पानी लाने के लिए जेसीबी से की गई खुदाई के दौरान वायरिग टूटना एवं जल जाना रहा है। पार्क की काफी लाइट भी यूज हो गई थी, इसलिए वायरिग बदलवाने के साथ लाइट भी बदली गई है।