बेटियों को सुरक्षित, शिक्षित और सशक्त बनाने के संकल्प को करेंगे पूरा : उपायुक्त गोयल

फोटो : 12 - लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय अकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन मंसूरी में उपायुक्त स

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 May 2018 10:38 PM (IST) Updated:Sun, 20 May 2018 10:38 PM (IST)
बेटियों को सुरक्षित, शिक्षित और सशक्त बनाने के संकल्प को करेंगे पूरा : उपायुक्त गोयल
बेटियों को सुरक्षित, शिक्षित और सशक्त बनाने के संकल्प को करेंगे पूरा : उपायुक्त गोयल

फोटो : 12

- लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय अकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन मंसूरी में उपायुक्त सोनल गोयल ने दिया व्याख्यान

जागरण संवाददाता, झज्जर : मंसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री अकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (एलबीएसएनएए)में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं विषय पर आयोजित वर्कशॉप में उपायुक्त झज्जर सोनल गोयल ने झज्जर में इसके सफल क्रियान्वयन के बारे में व्याख्यान दिया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित इस वर्कशॉप में देश के चु¨नदा आईएएस अधिकारियों ने शिरकत करते हुए यहां अपने विचार सांझा किए। उपायुक्त सोनल गोयल ने बताया कि वर्कशॉप का शुभारंभ महिला एवं बाल विकास विभाग भारत सरकार के संयुक्त सचिव मोसेस चेलाई ने किया और सहायक समन्वयक की भूमिका अकेडमी के उपनिदेशक अवस्थी एस ने निभाई। गौरतलब है कि उपायुक्त सोनल गोयल ने इसी साल विश्व महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं कार्यक्रम पर महिला डेलीगेट्स की अगुवाई करते हुए भारत के राष्ट्रपति को जिला झज्जर में म्हारी लाडो अभियान के तहत महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के बारे में अवगत करवाया था।

उपायुक्त सोनल गोयल ने कहा कि वर्ष 2011 में झज्जर का ¨लगानुपात 774 था, जो काफी ¨चताजनक था। वर्तमान समय में वर्ष 2018 की पहली तिमाही में जिला का ¨लगानुपात सुधरकर लगभग 927 तक पहुच गया है। जबकि हमारा लक्ष्य इस वर्ष के अंत 950 तक पंहुचना है। इसके लिए संबधित विभागों के अधिकारियों को रोडमैप तैयार कर दिया गया है।

गोयल ने कहा कि जिले में पीएनडीटी एक्ट प्रभावी ढंग से लागू कराया सामाजिक संस्थाओं को अभियान का भागीदार बनाना, महिलाओं के प्रति सामुदायिक व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाना, कम ¨लगानुपात वाले गांवों व वार्डों पर विशेष फोकस रखना,पीएनडीटी एक्ट के तहत दर्ज हुए केसों की मजबूती से पैरवी करना, गर्भवती माताओं का पंजीकरण व संस्थागत डिलिवरी पर विेशष ध्यान देना, सामाजिक रीति-रिवाजों को ध्यान में रखते हुए बेटी के जन्म पर कुआं पूजन करवाना, बेटियो के जन्म दिन को उत्सव के रूप मनाना आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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