तीन साल पहले की घोषणा जमीन पर नहीं चल पाई तीन कदम, सुरक्षा की ²ष्टि से व्यापारियों की सुनवाई नहीं

झज्जर करीब तीन वर्ष पहले सीएम मनोहर लाल ने जिला मुख्यालय के प्रमुख चौराहा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 07:32 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 06:22 AM (IST)
तीन साल पहले की घोषणा जमीन पर नहीं चल पाई तीन कदम, सुरक्षा की ²ष्टि से व्यापारियों की सुनवाई नहीं
तीन साल पहले की घोषणा जमीन पर नहीं चल पाई तीन कदम, सुरक्षा की ²ष्टि से व्यापारियों की सुनवाई नहीं

जागरण संवाददाता, झज्जर : करीब तीन वर्ष पहले सीएम मनोहर लाल ने जिला मुख्यालय के प्रमुख चौराहों को सीसीटीवी की जद में लिए जाने की घोषणा की थी। मौजूदा समय तक हालात यह है कि धरातल पर उस दिशा में कोई ठोस कार्य आज तक नहीं हो पाया है। बस अनुसंधान के नाम पर समय-समय पर अलग-अलग योजनाएं जरूर तैयार की जाती है। वर्तमान परिदृश्य को देखें तो सीसीटीवी का जो काम पालिका के स्तर पर कराया जाना था। वह अब पुलिस के स्तर पर होना है। तकनीकी स्तर पर अब काम होने में कहां पेंच फंसा है। कुछ स्थिति स्पष्ट नहीं है। तीन साल से अधिक के अंतराल में जमीन पर प्रोजेक्ट के तीन कदम भी नहीं बढ़ पाने का खामियाजा शहर के व्यापारियों एवं आमजन भुगतना पड़ रहा है।

सिर्फ घोषणाओं में लग रहे सीसीटीवी

शहर को कैमरा की जद में लिए जाने का विषय ताजा नहीं है। कांग्रेस की सरकार के समय में भी व्यापार मंडल के स्तर पर यह मांग उठाई जाती थी। भाजपा के पिछले पांच साल बीत जाने बाद दूसरी योजना की सरकार भी मूर्त रूप ले चुकी है। लेकिन, व्यापारियों का इंतजार समाप्त नहीं हो पाया है। जबकि, अनहोनी होने की सूरत में पुलिस प्रशासन की ओर से यहां व्यापारियों को जरूर सलाह दी जाती है कि वे अपने स्तर पर सीसीटीवी की व्यवस्था करवाए। लेकिन एक दफा भी इस विषय पर व्यवस्था से जुड़ी हुई इकाईयों ने गंभीरता दिखाते हुए कार्य नहीं किया। बेशक ही लगाए गए जाने वाले कैमरा की गुणवत्ता एवं फोकस दोनों विषयों पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। चूंकि, हालिया समय में जो भी अपराधिक घटनाएं सीसीटीवी की जद में आई है, उनमें फोकस आदि ठीक ढंग से नहीं होने के कारण आरोपित जद में ही नहीं आ पाते। बहरहाल, ढुल-मुल रवैये के साथ डील किए जा रहे इस विषय पर गंभीरता से काम किया जाना जरूरी है। ताकि अपराध को कम करने के साथ-साथ सुरक्षा की दृष्टि से भी शहरवासी स्वयं को सेफ फील कर सके।

सरक-सरक कर आगे बढ़ रही घोषणा :

बॉक्स : घोषणा होने के बाद की बात की जाए तो सीसीटीवी लगाने के प्रस्ताव को विभाग के निदेशालय से हरी झंडी मिल गई थी। पालिका के स्तर पर टेंडर आमंत्रित आदि करने की प्रक्रिया भी अमल में लाई गई। नए कैमरे लगाए जाने के साथ-साथ लंबे समय तक उनकी मेनटेंस आदि को लेकर बजट के बढ़ाए जाने से जुड़े पहलु को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाते हुए फाइल को चंडीगढ़ भी भेजा गया। लेकिन, बात सिरे नहीं चढ़ पाई। चल रही प्रक्रिया के बीच ही पुलिस विभाग के स्तर पर कैमरा लगवाए जाने का विषय सामने आया। बहरहाल, तकनीकी रूप से फंसे पेंच में कौन सी इकाई सीसीटीवी लगवाएगी यह तो समय ही बताएगा। हां, इतना अवश्य है कि तीन साल पहले की घोषणा किस तरह से सरक-सरक कर आगे बढ़ रही है।

निजी कैमरों पर मोहताज रहती है पुलिस :

किसी भी वारदात के बाद पुलिस घटना स्थल के आसपास निजी भवनों पर लगे सीसीटीवी कैमरे खोजने में जुट जाती है। मगर उससे बात नहीं बनती। चूंकि, निजी भवनों पर कैमरे अपनी सुविधा के अनुसार लगाए जाते हैं। उनकी दिशा उसी हिसाब से तय की जाती है। यदि शहर और सड़कों पर निगाह रखने के इरादे से जब बड़े और अच्छी गुणवत्ता के कैमरे लगाए जाएंगे तो जाहिर है कि उसका पुलिस को ज्यादा फायदा मिल सकता है। शहर के प्रमुख चौक-चौराहे

बस स्टैंड झज्जर

छिक्कारा चौक

महिला अग्रसेन कालेज क्षेत्र

ग‌र्ल्स एंड ब्वॉयज स्कूल चौक

अंबेडकर चौक

थाना झज्जर चौक

पुरानी अनाजमंडी चौक

डायमंड चौक

भगतसिंह चौक

सिलानी गेट

राव तुला राम चौक

लघु सचिवालय शहर में सीसीटीवी लगाने के कारण काफी फायदा होगा। जो छोटे व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों पर कैमरा नहीं लगवा सकते, उनके आसपास ये कैमरा लगने से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। उनके प्रतिष्ठान की निगरानी भी कैमरा से हो पाएगी। जबकि अपराध को नियंत्रित करने में भी सीसीटीवी मददगार साबित होगे। मौजूदा समय में अपडेट यही है कि अब पूरी प्रक्रिया चंडीगढ़ के स्तर पर पुलिस विभाग द्वारा ही अमल में लाई जाएगी।

- उमेश नंदवानी, नपा चेयरमैन प्रतिनिधि, झज्जर।

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