शहर में फिर बढ़ा बंदरों का आतंक, पालिका के स्तर पर कदम उठाए जाने से होगा समाधान

जागरण संवाददाता, झज्जर : शहर में बंदरों के आतंक से लोग परेशान हैं। घरों की छत हो

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Feb 2019 11:41 PM (IST) Updated:Wed, 13 Feb 2019 11:41 PM (IST)
शहर में फिर बढ़ा बंदरों का आतंक, पालिका के स्तर पर कदम उठाए जाने से होगा समाधान
शहर में फिर बढ़ा बंदरों का आतंक, पालिका के स्तर पर कदम उठाए जाने से होगा समाधान

जागरण संवाददाता, झज्जर : शहर में बंदरों के आतंक से लोग परेशान हैं। घरों की छत हो या फिर मुख्य बाजार बंदरों की टोलियां अक्सर घूमती रहती है। लघु सचिवालय परिसर सहित राजकीय बहु तकनीकी संस्थान और नेहरू कॉलेज कैंपस में भी बंदरों के कारण विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है। लेकिन सीताराम गेट और दीवान गेट क्षेत्र में स्थिति ज्यादा खराब है। जहां लोगों को अपने घरों की छतों पर जाने में ही डर लगने लगा है तो महिलाएं और बच्चे तो गलियों में भी अकेले जाने से गुरेज कर रहे है। वार्ड पार्षद स्तर पर लोग कई दफा शिकायत भी पालिका प्रबंधन को कर चुके है। लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा है। जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। सीताराम गेट निवासी जयभगवान, आजाद ¨सह ने बताया कि बंदरों ने जीना मुहाल किया हुआ है। बंदर छत पर रखे कपड़ों को फाड़ देते है तो फ्रिज के अंदर रखी चीजे तक उठा ले जाते है।कई दफा महिलाओं और बच्चों को काट भी चुके है। जिसके चलते बच्चे और महिलाएं घर से बाहर अकेले निकलने में ही डरने लगे है। दिन हो या रात बंदरों की टोलियां छतों पर ही रहती है। जिसके चलते काफी परेशानी हो रही है। वहीं दीवान गेट निवासी अश्वनी शर्मा, संदीप ¨सगला ने बताया कि मुहल्ले में प्रतिदिन बंदरों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इतने बंदर आ कहा से रहे है। इसका भी कुछ पता नहीं है। छतों के अलावा मौहल्ले में स्थित एक पेड़ पर बंदर अपना डेरा जमाए रहते है। बंदरों को भगाने का प्रयास करने पर काट लेते है। जिसके चलते कई लोगों ने अपने घरों में जाल लगवा लिए है। प्रशासनिक स्तर पर ऐसा कोई भी प्रयास नहीं किया जा रहा है। जिससे आमजन को बंदरों की समस्या से राहत मिल सके। --पालिका स्तर पर बंदरों को पकड़ने के लिए टेंडर अलॉट किए गए थे। लेकिन किसी भी फर्म ने आवेदन नहीं किया था। बाद में प्रतिदिन के भुगतान के मुताबिक बंदर पकड़वाने का कार्य करवाया गया था। काफी संख्या में बंदर पकड़े भी गए थे। अब दोबारा बंदरों को पकड़वाने के लिए टेंडर लगाया जाएगा। टेंडर प्रक्रिया के पूरा होने तक आमजन की परेशानी को देखते हुए प्रतिदिन मेहनताना के हिसाब से बंदर पकड़वाने का कार्य शुरू करवाया जाएगा। उनका प्रयास रहेगा कि आमजन को परेशानी ना हो।

---कविता नंदवानी, चेयरपर्सन, नगरपालिका, झज्जर।

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