सुबह स्कूलों में दी ड्यूटी तो दोपहर बाद बैठी धरने पर

जागरण संवाददाता, झज्जर: केंद्रीय बजट में मिड डे मील वर्करों के मानदेय में वृद्धि नहीं करने

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Feb 2019 05:59 PM (IST) Updated:Fri, 08 Feb 2019 05:59 PM (IST)
सुबह स्कूलों में दी ड्यूटी तो दोपहर बाद बैठी धरने पर
सुबह स्कूलों में दी ड्यूटी तो दोपहर बाद बैठी धरने पर

जागरण संवाददाता, झज्जर: केंद्रीय बजट में मिड डे मील वर्करों के मानदेय में वृद्धि नहीं करने सहित अन्य मांगों को लेकर शुक्रवार दोपहर बाद मिड डे मील वर्करों ने लघुसचिवालय परिसर में धरना दिया और सरकार पर मिड डे मील वर्करों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। मिड डे मिल वर्कर यूनियन की प्रदेशाध्यक्ष सरोज दुजाना ने बताया कि ¨सतबर 2018 में प्रधानमंत्री द्वारा आंगनवाड़ी और आशा वर्करों के मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा की गई। परंतु मिड डे मील वर्करों के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। जिसके चलते वर्करों में सरकार के प्रति रोष बना हुआ है। बताया कि 2009 के बाद से उनके मानदेय में केंद्र द्वारा कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। अभी भी मिड डे मील वर्कर को मात्र 1000 रूपये प्रतिमाह मिलते है। जबकि मिड डे मिल में 98 फीसद से ज्यादा ऐसी महिलाएं काम कर रही है। जिनकी आर्थिक स्थिति बिल्कुल दयनीय है। बाद में वर्करों ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा और जल्द उनकी मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। प्रमुख मांगे :

- मानदेय में बढ़ोतरी की जाए व सरकार द्वारा पेश किए गए अंतिरम बजट में इसके लिए प्रावधान किया जाए।

- 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू करते हुए मिड डे मील वर्कर्स को मजदूर का दर्जा मिले, न्यूनतम वेतन व पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा की गारंटी प्रदान की जाए।

- मिड डे मील योजना के लिए प्रर्याप्त बजट आवंटित किया जाए।

- मिड डे मील योजना को किसी भी रूप में निजीकरण पर रोक लगे।

- छंटनीग्रस्त मिड डे मील वर्कर्स की काम पर बहाली हो।

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