जागरण सरोकार : युवाओं की टोली पढ़ा रही जल संचयन का पाठ

-कैच द रेन अभियान के तहत समझा रहे पानी की महत्ता - नेहरू युवा केंद्र के युवा करेंगे जल

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Jan 2021 06:50 AM (IST) Updated:Sat, 09 Jan 2021 06:50 AM (IST)
जागरण सरोकार : युवाओं की टोली पढ़ा रही जल संचयन का पाठ
जागरण सरोकार : युवाओं की टोली पढ़ा रही जल संचयन का पाठ

-कैच द रेन अभियान के तहत समझा रहे पानी की महत्ता

- नेहरू युवा केंद्र के युवा करेंगे जल संरक्षण के लिए जागरूक फोटो : 8 जेएचआर 10 जागरण संवाददाता, झज्जर : युवाओं की टोली लोगों को अब जल संचयन का भी पाठ पढ़ा रही है। जिसके लिए नेहरू युवा केंद्र द्वारा कैच द रेन अभियान चलाया जा रहा है। कार्यक्रम के अंतर्गत युवा गांव-गांव जाकर लोगों को पानी की महता को समझाएंगे। ताकि लोग पानी की बर्बादी को रोके। खासकर बरसात के पानी के संचय पर जोर दिया जाएगा। जो कि भविष्य के लिए सीख भी होगी। बॉक्स :

कैच द रेन अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों को पानी को बचाने के लिए जागरूक करना है। युवा क्लबों द्वारा लोगों को जल संरक्षण, बारिश के पानी का संग्रहण, दोबारा से प्रयोग व पानी को व्यर्थ ना बहने देने के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। जिससे जल स्तर को सुधारने में मदद मिल सकें। क्योंकि, लगातार गिरता जलस्तर चिता का विषय बना हुआ है। इसका कारण यह भी माना जा रहा है कि हम पानी का प्रयोग अधिक कर रहे हैं और प्रयोग के मुकाबले जल संरक्षण व संचय कम कर रहे हैं। युवाओं की टोली किसानों सिचाई की नई तकनीकों के बारे में भी समझाएगी, जिससे कि पानी की कम खपत हो और खेत में सिचाई हो जाए। बॉक्स :

इसके लिए क्विज, पोस्टर मेकिग, पेंटिग, स्लोगन लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। साथ ही रैली, शपथ दिलाना, नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से पानी की महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही सामुदायिक कार्य शिविर के माध्यम से जल स्त्रोतों को भी तैयार करने की योजना है। जिसके माध्यम से जल स्त्रोत की खुदाई, कुओं की मरम्मत व रिपेयरिग, तलाब आदि को भी तैयार किया जाएगा। जल संचयन के प्रति शिक्षित करने के साथ-साथ पानी के दोबारा प्रयोग के बारे में भी जागरूक किया जाएगा। - नेहरू युवा केंद्र की यूथ ऑफिसर मधु चौधरी ने बताया कि कैच द रेन मुहिम के तहत लोगों को जल सरंक्षण के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके लिए युवा क्लबों के सदस्य अभियान चला रहे हैं। ताकि जल सरंक्षण को बढ़ावा मिले।

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