समय पर कराए पंजीकरण, दाम का होगा जोखिम कम

जागरण संवाददाता, झज्जर : फसलों के विविधिकरण तथा बागवानी के जरिए किसानों की आय दोगुन

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Nov 2018 12:10 AM (IST) Updated:Fri, 09 Nov 2018 12:10 AM (IST)
समय पर कराए पंजीकरण, दाम का होगा जोखिम कम
समय पर कराए पंजीकरण, दाम का होगा जोखिम कम

जागरण संवाददाता, झज्जर :

फसलों के विविधिकरण तथा बागवानी के जरिए किसानों की आय दोगुनी करने में कारगर हरियाणा सरकार की भावांतर भरपाई योजना के तहत इन दिनों आलू की फसल का ऑनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है। साथ ही फूलगोभी के लिए 15 नवंबर से प्याज के लिए पंजीकरण 20 दिसंबर से तथा टमाटर के लिए 15 दिसंबर से किसान फसल का पंजीकरण करा सकेंगे। उपायुक्त सोनल गोयल ने किसानों को भावांतर भरपाई योजना के तहत अपनी फसल का पंजीकरण समय पर कराने की अपील की है। फसल का पंजीकरण हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की वेबसाइट के जरिए कर घर बैठे मोबाइल पर, आस-पास के अटल सेवा केंद्र या जिला बागवानी अधिकारी के माध्यम से किया जा सकता है। प्रति एकड़ उत्पादन और मूल्य को मिलेगा संरक्षण

गोयल ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य मंडी में सब्जी की कम कीमतों के दौरान किसानों को निर्धारित संरक्षणित मूल्य के जरिए जोखिम को कम करना, कृषि में विविधिकरण के लिए प्रोत्साहन करना है। योजना के तहत पहले चरण में टमाटर आलू, प्याज व फूलगोभी को शामिल किया गया है। आलू का संरक्षित मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल, प्याज का 500 रुपये, टमाटर का 400 रुपये तथा फूलगोभी का 500 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। संरक्षित मूल्य के साथ प्रति एकड़ उत्पादन का निर्धारण आलू के लिए 120 क्विंटल प्रति एकड़, प्याज का 100 क्विंटल प्रति एकड़, टमाटर का 140 क्विंटल प्रति एकड़ तथा फूल गोभी का 100 क्विंटल प्रति एकड़ निर्धारित किया गया है।

उन्होंने बताया कि मंडी में निर्धारित अवधि के दौरान सब्जी के कम दाम में बिकने पर पंजीकृत किसानों को संरक्षित मूल्य तक भाव के अंतर की सरकार भरपाई करेगी। इस योजना का लाभ जमीन का मालिक, पट्टेदार, काश्तकार प्राप्त कर सकते हैं। पंजीकरण के उपरांत किसानों को बागवानी विभाग की ओर से फसल का प्रमाणीकरण किया जाएगा। किसान प्रमाणीकरण से संतुष्ट न हो तो विभाग में अपील दायर करने का प्रावधान भी योजना में शामिल है। आलू के लिए पंजीकरण कराने के लिए 30 नवंबर तक, प्याज के लिए 20 दिसंबर से 15 फरवरी तक, प्याज के लिए 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक तथा फूलगोभी के लिए 15 नवंबर से 31 दिसंबर तक निर्धारित की गई है। भावांतर भरपाई के लिए अधिक जानकारी विभाग के कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।

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