मांगें नहीं मानी तो हर स्तर पर करेंगे विरोध, 6 दिन बाद होगा चंडीगढ़ कूच

जागरण संवाददाता, झज्जर : ग्राम पंचायतों को ई-प्रणाली से जोड़ने की व्यवस्था का विरोध मुखर ह

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Mar 2018 10:51 PM (IST) Updated:Thu, 22 Mar 2018 10:51 PM (IST)
मांगें नहीं मानी तो हर स्तर पर करेंगे विरोध, 6 दिन बाद होगा चंडीगढ़ कूच
मांगें नहीं मानी तो हर स्तर पर करेंगे विरोध, 6 दिन बाद होगा चंडीगढ़ कूच

जागरण संवाददाता, झज्जर :

ग्राम पंचायतों को ई-प्रणाली से जोड़ने की व्यवस्था का विरोध मुखर होकर सामने आने लगा हैं। बृहस्पतिवार को जिला मुख्यालय पर ग्राम सरपंचों एवं ग्राम सचिवों ने एकता दिखाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्होंने कड़े कदम उठाए जाने की बात दोहराई हैं। उनका स्पष्ट तौर पर कहना है कि अगर समय रहते हुए सरकार के स्तर पर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो वह भविष्य में हर स्तर पर विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने रोहतक में होने वाले किसान सम्मेलन में भी शामिल नहीं होने की बात कहते हुए सचेत किया है कि 6 दिन के बाद संयुक्त रूप से चंडीगढ़ निवास पर धरना देने के लिए कूच करेंगे। जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी। मुख्यमंत्री के नाम पर प्रेषित अपनी मांगों से जुड़ा एक ज्ञापन उन्होंने उपायुक्त सोनल गोयल को सौंपा। हालांकि उपायुक्त से पूर्व भी जिला के अन्य अधिकारी ज्ञापन लेने के लिए उनके पास आए थे। लेकिन वह उपायुक्त को ही ज्ञापन सौंपे जाने मांग पर अड़े रहे और लघु सचिवालय के सामने ही धरने पर बैठ गए। जिसके बाद उपायुक्त गोयल ने पहुंचते हुए ज्ञापन को स्वीकार किया।

सौंपे गए ज्ञापन में पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार को चेताते हुए कहा है कि 18 मार्च से सभी सरपंचों ने सांकेतिक तौर पर अपना कार्य बंद किया हुआ है। भविष्य में भी सरकार के हर कार्य का विरोध किया जाएगा। सरपंच, ग्राम सचिव तथा अन्य किसी भी अधिकारी को ग्राम पंचायतों का रिकॉर्ड नहीं सौंपेंगे। इन मांगों को पूरा नहीं किए जाने की सूरत में इसके बाद 28 मार्च को मुख्यमंत्री निवास पर धरना दिया जाएगा। हुए इस प्रदर्शन में झज्जर, बहादुरगढ़, बेरी, बादली आदि क्षेत्रों से जुड़े सरपंच एवं ग्राम सचिव मुख्य रूप से मौजूद रहे।

विकास में बाधक है ई-प्रणाली व्यवस्था

सौंपे गए ज्ञापन में इन्होंने संयुक्त रूप से कहा है कि ई-पंचायत प्रणाली ग्राम विकास में बाधक है। इसे पूर्ण रूप से खारिज किया जाए। ई-प्रणाली का विरोध करने के साथ-साथ उन्होंने हरियाणा पंचायती राज एक्ट 1994 को पूर्णतया लागू करने की बात कही है। ज्ञापन में ग्राम सचिव की शैक्षणिक योग्यता स्नातक, ग्राम सचिव का वेतनमान पटवारी के हिसाब से निर्धारित किया जाए, सांसदों एवं विधायकों की तर्ज पर सरपंचों एवं पंचों का मानदेय तुरंत प्रभाव से बढ़े, सार्वजनिक एवं जनहित के कार्यों के लिए आने-जाने पर इनका यात्रा भत्ता व दैनिक भत्ता भी तय हो, ग्राम सचिवों के 20 रूपये मासिक वाहन भत्ता को 5000 रूपये मासिक किया जाए, गांवों में अतिशीघ्र राशन कार्ड बनवाए जाए, प्रत्येक गांव में ग्राम सचिवालय बनाए जाएं तथा उनमें पर्याप्त संसाधन एवं खंड तथा जिला मुख्यालय स्तर की सुविधाएं प्रदान की जाए आदि मुख्य रूप से शामिल है।

जगह-जगह हुआ सरपंचों का स्वागत

शहर के श्री राम पार्क में एकत्रित हुए सरपंचों एवं ग्राम सचिवों ने बृहस्पतिवार को जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में एकत्र हुए इन प्रतिनिधियों ने पैदल मार्च निकालते हुए जमकर सरकार विरोधी नारेबाजी भी की। हालांकि श्री राम पार्क से लघु सचिवालय को जाने वाले जिस रास्ते से होकर यह प्रदर्शनकारी गुजरें उनका बीच-बीच में स्वागत आदि भी किया गया। जबकि एक-दो जगह पर तो इनके लिए स्टॉल भी लगाए गए थे। उधर, लघु सचिवालय में पहुंचने के बाद तहसीलदार इनका ज्ञापन लेने के लिए पहुंचे। लेकिन उनका स्पष्ट कहना था कि वह ज्ञापन उपायुक्त को सौंपेंगे। उसके बाद सीटीएम, डीडीपीओ और एसडीएम भी ज्ञापन लेने के लिए पहुंचे। फिर भी वह नहीं माने। हालांकि इस दौरान वहां पर भी मौजूद रहे ढोल वालों को उन्होंने अपने साथ जोड़ते हुए जोरदार ढंग से नारेबाजी की। बाद में उपायुक्त सोनल गोयल ज्ञापन लेने के लिए पहुंची। जिसके बाद वह यहां से वापिस रवाना हुए। इधर, पुलिस के स्तर पर भी यात्रा के दौरान पुख्ता व्यवस्था देखने को मिली।

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