कारगिल विजय दिवस : अमर शहीदों की गौरव गाथा पैदा करती है देशभक्ति का जज्बा : डीसी

डीसी जितेंद्र कुमार ने कारगिल विजय दिवस की 21 वीं वर्षगांठ पर शहीद हुए वीर सपूतों को सलाम किया है। कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में डीसी ने युवा शक्ति को देशभक्ति से ओतप्रोत हो जीवन में आगे बढ़ने की सीख देते हुए अमर शहीद योद्धाओं की कुर्बानी पर उन्हें नमन किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Jul 2020 08:30 AM (IST) Updated:Sun, 26 Jul 2020 08:30 AM (IST)
कारगिल विजय दिवस : अमर शहीदों की गौरव गाथा पैदा करती है देशभक्ति का जज्बा : डीसी
कारगिल विजय दिवस : अमर शहीदों की गौरव गाथा पैदा करती है देशभक्ति का जज्बा : डीसी

जागरण संवाददाता, झज्जर : डीसी जितेंद्र कुमार ने कारगिल विजय दिवस की 21 वीं वर्षगांठ पर शहीद हुए वीर सपूतों को सलाम किया है। कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में डीसी ने युवा शक्ति को देशभक्ति से ओतप्रोत हो जीवन में आगे बढ़ने की सीख देते हुए अमर शहीद योद्धाओं की कुर्बानी पर उन्हें नमन किया है। कहा कि अमर शहीद किसी क्षेत्र, जाति अथवा धर्म विशेष के नहीं बल्कि पूरे देश के गौरव होते हैं। ऐसे में अमर शहीदों की गौरव गाथा हमारी युवा शक्ति में पूरे उमंग के साथ देशभक्ति का जज्बा पैदा करती है। वीर सैनिकों की कुर्बानी की बदौलत आज का दिन देश के सैन्य इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। पूरे देश को अपने सैनिकों पर नाज है। युवा पीढ़ी को अपने वीर शहीदों के बलिदान से देशभक्ति की प्रेरणा लेनी चाहिए। यह धरा वीर सैनिकों की भूमि है,जब भी देश पर संकट आया, यहां के वीरों ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अदम्य साहस का परिचय देते हुए बलिदान दिया है। झज्जर जिला के 11 सपूतों ने दी थी कारगिल युद्ध मे शहादत : झज्जर वीरों की भूमि है। कारगिल युद्ध में झज्जर जिले के 11 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। उनका बलिदान जिलावासियों को गर्व और गौरव की अनुभूति का अहसास कराने का अवसर प्रदान करता है। कारगिल संघर्ष (आप्रेशन विजय-1999) में झज्जर जिले के गांव बराही निवासी कैप्टन अमित वर्मा, गांव जाखौदा के सहायक कमांडेंट आजाद सिंह दलाल, गांव देशलपुर के हवलदार जयप्रकाश सिंह, जैतपुर के सिग्नलमैन विनोद कुमार, निलौठी के लांस नायक श्याम सिंह, सुबाना के ग्रेनेडियर सुरेंद्र सिंह, झांसवा के लांस नायक राजेश, जटवाड़ा के नायक लीला राम, सौलधा के के नायक रामफल, ढाकला गांव के सिपाही धर्मवीर व खुंगाई के हवलदार हरिओम ने शहादत दी थी।

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