बाढ़सा एम्स मामले में कांग्रेसियों ने फूंका सीएम और मंत्री का पुतला

जागरण संवाददाता झज्जर बाढ़सा एम्स के मनेठी में शिफ्ट हो जाने की चरचाओं से ही राजनैति

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Feb 2019 12:08 AM (IST) Updated:Sat, 23 Feb 2019 12:08 AM (IST)
बाढ़सा एम्स मामले में कांग्रेसियों ने फूंका सीएम और मंत्री का पुतला
बाढ़सा एम्स मामले में कांग्रेसियों ने फूंका सीएम और मंत्री का पुतला

जागरण संवाददाता, झज्जर : बाढ़सा एम्स के मनेठी में शिफ्ट हो जाने की चरचाओं से ही राजनैतिक माहौल गरम होने लगा है। एक ओर जहां क्षेत्र से जुड़े सामाजिक लोग एम्स बचाओ संघर्ष समिति का गठन करने की बात करने लगे हैं। वहीं दूसरी ओर बादली में कांग्रेसियों ने सीएम मनोहर लाल एवं कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ का पुतला भी फूंककर अपना विरोध व्यक्त किया है।

इस अवसर पर औमप्रकाश धनखड़ रेवाड़ी जाओ के लिए नारेबाजी भी जोरदार ढंग से की गई। यहां प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे डीपी कौशिक ने कहा कि झज्जर के हिस्से का एम्स अब मनेठी ले जाना क्षेत्र के साथ धोखा है। क्षेत्र को एम्स की सौगात दिलाने वाले सांसद दीपेन्द्र ¨सह हुड्डा ही एम्स का निर्माण कराएंगे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर तो धनखड़ कह रहे है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा उनके भाई सामान है, जबकि दूसरी ओर भाई ने ही क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर दिया है। इस मौके पर अन्य युवा कांग्रेसी भी उनके साथ में मौजूद रहे। गौरतलब है कि करीब दस वर्ष पूर्व से एम्स 2 को बाढ़सा में बनाए जाने की चरचाओं से क्षेत्र में एक उम्मीद जगी थी। भूमि पूजन के साथ ही 2009 में दिल्ली वाले एम्स से भी बड़े बाढ़सा एम्स-2 को करीब 300 एकड़ में बनाने की परिकल्पना की गई थी। यूपीए-2 में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने 30 मई 2012 में एम्स-2 की आउटरीच ओपीडी का उद्घाटन किया तो ऐसा लगने लगा था कि अब लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं लगेगी। हालांकि ताजा समय की बात हो तो आउटरीच ओपीडी सेवाएं तो अभी भी निरंतर मिल ही रही है। साथ ही गांव की पंचायत द्वारा सूबे के स्वास्थ्य विभाग के नाम करीब 300 एकड़ जमीन की फरवरी 2009 में रजिस्ट्री करवाई थी। इसी रजिस्ट्री के आधार पर एम्स दिल्ली के नाम पट्टा किया गया। जमीन की रजिस्ट्री और पट्टा जानने से जुड़ी हुई स्थिति को जानने के लिए शुक्रवार को क्षेत्र के सामाजिक व्यक्ति तहसील कार्यालय भी पहुंचे। इन लोगों ने हो रही चरचाओं को लेकर कड़ी ¨नदा की है। साथ ही कहा है कि सरकार को इस संदर्भ में अपनी ओर से पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।

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