पहला सुख है निरोगी काया : सत्यवीर

झज्जर : आज के इस भौतिक युग में भी हमारे ऋषि मुन्नों की कहावत मनुष्य के लिए पहला सुख निरोगी होती। क्य

By Edited By: Publish:Tue, 01 Sep 2015 06:26 PM (IST) Updated:Tue, 01 Sep 2015 06:26 PM (IST)
पहला सुख है निरोगी काया : सत्यवीर

झज्जर : आज के इस भौतिक युग में भी हमारे ऋषि मुन्नों की कहावत मनुष्य के लिए पहला सुख निरोगी होती। क्योंकि शरीर निरोगी होने की सूरत में ही व्यक्ति अन्य सुख भोग पाता है। यह बात सुलौधा गांव स्थित हिंदू स्कूल दो दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए योगाचार्य सत्यवीर प्रेरक ने कही। प्राचार्य धर्मपाल यादव व संचालक सत्य भगवान यादव की संयुक्त अध्यक्षता में आयोजित योग प्रशिक्षण के दौरान योगाचार्य ने शीर्षासन, च्रकासन, पश्चिमोत्तानासन, पदमासन, बज्रासन आदि का विद्यार्थियों को अभ्यास कराने तथा हर आसन से होने वाले लाभ भी बारीकी से समझाए। हवन यज्ञ के साथ शुरू हुई कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अपने जीवन को शुद्ध बनाने के लिए शराब, मांस, अंडा व अन्य मादक पदार्थो से गुरेज करना पड़ेगा। क्योंकि इनके सेवन से हमारी दया भावना पर राक्षस भावना हावी हो जाती है और मनुष्य हिसंक प्रवृति का हो जाता है। इसके साथ-साथ अनेक बीमारियों को हमारे शरीर तक पहुंचाने में भी ये अभ्यक्ष पदार्थ अपना अहम रोल अदा करते हैं। प्रेरक ने कार्यक्रम के समापन मौके पर विद्यार्थियों को केवल शाकाहारी भोजन ही करने के प्रति प्रेरित करते हुए इस अभियान को आगे बढ़ाने की शपथ दिलवाई।

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