छारा में ग्रामीणों ने बैंक पर ताला जड़ा
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : छारा गाव में स्थित दि झज्जार सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड की शाखा मे
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : छारा गाव में स्थित दि झज्जार सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड की शाखा में हुए घोटाले का मामला मंगलवार को तूल पकड़ गया। धोखाधड़ी में फंसी राशि का भुगतान न होने पर खाताधारकों में आक्रोश फैल गया। सुबह ही यहा बैंक पर लोगों ने ताला जड़ दिया और धरने पर बैठ गए। डयूटी पर आए कर्मचारी ये हालात देख वापसी का रुख कर गए। सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुचे। दो महीने के अंदर बकाया चुकाने का आश्वासन दिया गया है।
दि झज्जार सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक में चार साल तक खाता धारकों की ओर से जमा की गई राशि की धोखाधड़ी के इस मामले पर कुछ दिन पहले ही छारा गाव के लोगों ने इस तरह का कदम उठाने की चेतावनी दे दी थी। इससे पहले झज्जार पहुचकर प्रशासनिक अधिकारियों से भी मुलाकात की गई थी, मगर कार्रवाई न होते देख मंगलवार को यह सब हुआ।
यह था मामला
दरअसल इस बैक में काफी ग्रामीणों के बचत खाते है। कई ने एफडी करवा रखी थी और कई ने कर्ज लिया था। बताते है कि इनमें से काफी लोगों ने वर्ष 2008 से 2012 के बीच अपने खाते में जमा करने के लिए बैंक कर्मचारी को पैसा दिया था। आरोप है कि बैंक कर्मी इस पैसे को उनके खातों में जमा नहीं करते थे। सिर्फ उनकी पास बुक में इसकी इट्री कर दी जाती थी। घोटाले की पोल अप्रैल-2012 में तब खुली लोगों ने पैसे निकलवाने शुरू किए। खाते में उतने पैसे नहीं मिले जितने पासबुक में दर्ज थे। जाच की गई तो करीब दो करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था। जाच में तत्कालीन बैंक मैनेजर दलजीत सिंह को दोषी पाया गया था। बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों की शिकायत पर दलजीत के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। बताते है कि एक करोड़ 10 लाख रुपये लौटाए जा चुके है। मगर अब भी काफी लोगों की राशि बकाया है। सप्ताह भर पहले पहले बैंक अधिकारियों को हिसाब चुकता न करने पर बैंक को ताला लगाने की चेतावनी दी गई थी। उचित कार्यवाही नहीं हुई तो मंगलवार को ग्रामीणो ने बैंक बैंक खुलने का समय होने से पहले ही ताला जड़ दिया और रणबीर सिंह, मनफूल सिंह, योगेंद्र की अगुवाई में धरने पर बैठ गए। सहकारी समितिया बहादुरगढ़ के सहायक रजिस्ट्रार (एआर) की कोर्ट में भी ग्राहकों ने वाद दायर किए थे। इन तमाम मामलों में ग्राहकों के पक्ष में फैसला हो चुका है। फैसले में कहा गया है कि ग्राहकों के पैसे का भुगतान बैंक की ओर से ब्याज समेत किया जाए। लेकिन काफी लोगों की रकम अब तक नहीं मिली है। उधर, सूचना के बाद बैंक अधिकारी अमरजीत कौर भी पहुच गई। प्रशासन की ओर से बहादुरगढ़ के तहसीलदार और नायब तहसीलदार सुशील शर्मा पहुचे। ग्रामीणों को समझाया गया, लेकिन ग्रामीण अपनी समस्या के तुरत समाधान की माग पर अड़े रहे। अधिकारियों से बातचीत के बाद आखिरकार तहसीलदार व नायब तहसीलदार ने दो महीने के अंदर ग्रामीणों की रकम चुका देने का आश्वासन दिया। तब ताला खुला।