क ंडम बसों को नया बना दौड़ा रहे सड़कों पर

जागरण संवाददाता, झज्जर : अनेक स्कूल संचालक कंडम बसों को खरीद कर उन्हें डैंट पेंट करवा कर उन्हें न

By Edited By: Publish:Wed, 26 Nov 2014 01:09 AM (IST) Updated:Wed, 26 Nov 2014 01:09 AM (IST)
क ंडम बसों को नया बना दौड़ा रहे सड़कों पर

जागरण संवाददाता, झज्जर :

अनेक स्कूल संचालक कंडम बसों को खरीद कर उन्हें डैंट पेंट करवा कर उन्हें नया बनाया जाता है। उसके बाद उन्हें पास करवाकर सड़कों पर बच्चों को स्कूलों में लाने ले जाने के लिए दौड़ाया जा रह है। इन बसों को रोडवेज या अन्य विभागों को कंडम घोषित कर दिया जाता है। उसके बाद उन्हें कम दरों पर बोली में खरीदकर स्कूलों के लिए तैयार कर दिया जाता है। जिले में यातायात पुलिस के अनुसार 454 स्कूल बस हैं। जबकि डीटीओ विभाग इनकी संख्या 500 से अधिक बता रहा है। इनके अलावा जिले में स्कूल संचालकों के पास सौ से अधिक छोटी गाड़ियां भी हैं। आरटीओ विभाग की बात मानी जाए तो जिले में करीब 50 बसे ऐसी हैं जो रोडवेज या किसी अन्य विभाग की तरफ से कंडम घोषित करने के बाद खरीदी गई हैं। जिनकी मरम्मत करने के बाद उन्हें बाकायदा आरटीओ की तरफ से पास भी किया जाता है। लेकिन उसके बाद इनकी फिटनेस को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है और सड़क सुरक्षा के नियमों धज्जियां उड़ाते हुए सड़कों पर दौड़ती हैं।

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हर साल किया जाता है पास

आरटीए विभाग की तरफ से साल में एक बार स्कूल बसों को पास किया जाता है। उस समय हर प्रकार की जांच के बाद बसों की फिटनेस का प्रमाण पत्र दिया जाता है। उसके बाद इन बसों को बच्चों को लाने ले जाने के लिए चलाया जाता है।

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जिले में स्कूल बसों की हालत ठीक है। बसों की जांच चल रही है। जिले में यातायात पुलिस की टीमें बसों के चालना भी काट रही हैं। अब तक 67 बसों के चालान काटे जा चुके हैं। फिटनेस को लेकर उनका फिटनेस प्रमाण पत्र ही देखते हैं। अगर उसके बाद भी कोई कमी मिलती है तो बस चालकों के चालान काटे जाते हैं। ज्यादातर स्कूल बस चालक वर्दी में नहीं होते या फिर सीट बैल्ट लगाए हुए नहीं मिलते हैं।

-सतेंद्र सिंह, यातायात पुलिस प्रभारी।

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नियमानुसार स्कूल बसों को साल में एक बार पास किया जाता है। बीच-बीच में स्कूल बसों की जांच की जाती है। फिलहाल स्कूल बसों के चालान नहीं काटे जा रहे हैं। डीटीओ छुट्टी पर होने के कारण किसी को अभी तक पावर नहीं दी गई है। पावर देने के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा गया है। पावर मिलने के बाद ही चालान काटे जाएंगे।

-जसवीर सिंह, आरटीओ सहायक, झज्जर।

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