ग्रामीण परिवेश को दिया नया स्वरूप : डॉ. चंद्रशेखर

By Edited By: Publish:Fri, 18 Jul 2014 01:01 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jul 2014 01:01 AM (IST)
ग्रामीण परिवेश को दिया नया स्वरूप : डॉ. चंद्रशेखर

जागरण संवाददाता, झज्जर :

उपायुक्त डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि जिला ग्रामीण विकास अभिकरण अपने उद्देश्यों को चरितार्थ करते हुए ग्रामीण विकास में सक्रिय भूमिका अदा कर रहा है। गाव के लोगों को स्वरोजगार देते हुए उन्हे प्रोत्साहित करने के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास कराने में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से मूर्त रूप दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र का जन जीवन खुशहाल बनाते हुए ग्रामीण परिवेश को नया स्वरूप देने का काम अभिकरण कर रहा है।

उपायुक्त ने बताया कि जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की ओर से सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को फलीभूत किया जा रहा है। अभिकरण के माध्यम से जहा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, बीपीएल परिवारों के लिए इदिरा आवास योजना व प्रियदर्शनी आवास योजना के तहत लोगों को मकान बनाने के लिए अनुदान दिया जा रहा है। मनरेगा योजना में महात्मा गाधी ग्रामीण बस्ती विकसित करने के लिए मनरेगा के तहत भूमि समतल करने का कार्य किया जा रहा है ताकि इदिरा आवास योजना तथा प्रियदर्शनी आवास योजना के तहत अनुदान से गरीब परिवार अपने मकान बना सकें।

योजना के क्रियांवन बारे जानकारी देते हुए उपायुक्त ने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत अब व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण हेतु 5400 रुपये खर्च किए जा सकते है। जो अकुशल और कुशल मजदूरी के रूप में 60:40 के अनुपात में खर्च किए जाएंगे। लाभार्थी परिवार को इसके निर्माण में स्वयं मजदूरी करनी अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त निर्मल भारत अभियान के तहत व्यक्तिगत शौचालय बनाने पर 4600 रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है।

अक्षय ऊर्जा बिजली आपूर्ति का बना सशक्त माध्यम

उपायुक्त डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि अक्षय ऊर्जा विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का भी आमजन को लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऊर्जा की आवश्यकता अधिक है और आपूर्ति कई बार कम रहती है। ऐसे में अक्षय ऊर्जा के अनंत भंडार का उपयोग करना चाहिए। अक्षय ऊर्जा विभाग के परियोजना अधिकारी रामेश्वर सिंह ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि घरेलू क्षेत्र में सोलर वाटर हिटिग सिस्टम लगवाने के लिए भारत सरकार से तीन हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर से 3300 रुपये प्रति वर्ग मीटर के क्लेक्टर एरिया पर अनुदान दिया जा रहा है। साथ ही बिजली के बिलों में 100 रुपये प्रति 100 लीटर क्षमता प्रति माह छूट भी दी जा रही है। यह अनुदान तीन वर्ष तक दिया जाता है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा 3150 रुपये का बाक्स सोलर कुकर 1945 रुपये प्रति अनुदान के साथ 1205 रूपए का दिया जा रहा है। इस सोलर कूकर से एक वर्ष में गैस के तीन सिलेंडर बचाए जा सकते है। वहीं इससे बना खाना पौष्टिक व स्वादिष्ट भी होता है। इसके साथ ही इदिरा आवास योजना और प्रियदर्शिनी आवास योजना के तहत दिए जा रहे अनुदान से निर्मित मकान व उनमें सौर ऊर्जा चालित लाइट भी लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अधिक जानकारी लघु सचिवालय के फेज दो में स्थित अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय से ली जा सकती है।

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