राशन डिपो होल्डरों के कांटे खराब, वजन कम तो कभी दर्शाते हैं जीरो

बरवाला की राशन डिपो होल्डर एसोसिएशन ने जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी के साथ की बैठक।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 11:41 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 11:41 PM (IST)
राशन डिपो होल्डरों के कांटे खराब, वजन कम तो कभी दर्शाते हैं जीरो
राशन डिपो होल्डरों के कांटे खराब, वजन कम तो कभी दर्शाते हैं जीरो

संवाद सहयोगी, बरवाला : बरवाला की राशन डिपो होल्डर एसोसिएशन ने जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी के नाम बरवाला में विभाग के इंस्पेक्टर को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। एसोसिएशन के प्रधान कृष्ण कुमार, ओम प्रकाश, सेवा सिंह, विवेक कुमार, सतीश खेदड़, अशोक बरवाला, अनिल हसनगढ़, वजीर सिंह, महावीर सिंह, महेश कुमार, सतीश कुमार, राजेंद्र बरवाला, मुकेश कुमार, सोमनाथ व राकेश कुमार सहित अनेक डिपो होल्डरों ने कहा कि ब्लॉक बरवाला के सभी डिपो होल्डरों के कांटे खराब है। यह कांटे ना तो सही वजन देते हैं और ना ही उनकी बैटरी काम करती है। 25 किलोग्राम वजन की बजाए 24 किलो 800 ग्राम वजन दिखाता है। कई बार तो वजन रखने पर जीरो ही दिखाता है। जब कभी भी कांटा खराब हो जाता है तो उसे हिसार लेकर जाना पड़ता है। इस कारण डिपो होल्डर को लगभग 600 रुपए किराया भी अदा करना पड़ता है। वही कांटे को ठीक करने वाले इंजीनियर का कहना है कि वह एक एक कांटे को ठीक करने नहीं आएगा। जब 10 या 12 कांटे इकट्ठे हो जाएं। तब उन्हें बरवाला फूड सप्लाई ऑफिस में भेजना पड़ेगा तब उन्हें ठीक किया जाएगा। इसी प्रकार पीओएस मशीनों की हालत भी खराब है। किसी का प्रिटर खराब है तो किसी की बैटरी खराब है। कुछ मशीनों का सिम काम नहीं कर रहा। सिम भी हर महीने डिपो होल्डर को ही रिचार्ज करवाना पड़ता है। पीओएस मशीन कि कभी बैटरी तो कभी प्रिटर खराब होता है। ऐसे में उसका चार्ज भी डिपो होल्डर से वसूल किया जाता है जो कि बिल्कुल गलत है। इसके अलावा बरवाला ब्लॉक में जो इंजीनियर है। उसके पास पीओएस मशीन का स्पेयर पार्ट व अन्य सामान तक नहीं है। विभाग उसे सामान उपलब्ध करवाएं। ताकि वह मशीनों की मरम्मत कर सकें। इसके अलावा पीओएस मशीन में नॉमिनी के तौर पर हेल्पर का नाम भी दिया जाना चाहिए। यदि डिपो होल्डर कहीं पर चला जाए तो मशीन खोलने में परेशानी आती है।

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