यहां इस साल माननीयों को भी होना होगा गंदे पानी से मुखातिब, ये बनी वजह

जिस प्रकार की प्ला¨नग नगर निगम की ओर से बनाई गई है, इस मानसून अर्बन एस्टेट के लोग अपने घरों से पानी निकालते हुए ही नजर आएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 18 Jul 2018 01:52 PM (IST) Updated:Wed, 18 Jul 2018 01:52 PM (IST)
यहां इस साल माननीयों को भी होना होगा गंदे पानी से मुखातिब, ये बनी वजह
यहां इस साल माननीयों को भी होना होगा गंदे पानी से मुखातिब, ये बनी वजह

जेएनएन, हिसार : अर्बन एस्टेट को पूरी प्लानिंग के साथ 1968 में बसाया गया था। इसी कारण यह राजनीतिक वर्चस्व से लेकर बिजनेसमैन तक की पहली पसंद रहा रहा है। जहां वक्त के साथ अर्बन एस्टेट में सुविधाएं बेहतर होनी चाहिए थी, वहीं यह सेक्टर प्रशासनिक अधिकारियों की बेरुखी झेल रहा है। ऐसा तब है जब भाजपा, कांग्रेस और इनेलो सभी पार्टियों के नेता यहां पर रह रहे हैं। यहां लोकसभा सदस्य से लेकर राज्यसभा सदस्य तक के आवास हैं, जो प्रदेश के विकास की बात करते हैं। लेकिन विडंबना यह है कि वो भी यहां के हालातों पर नजर दौड़ाना गवारा नहीं समझते। सरकार का बखान करने वाले भाजपा नेता भी अर्बन एस्टेट की जलभराव की समस्या को देखकर मुंह फेर लेते हैं। क्योंकि प्रशासनिक अधिकारियों पर उनका कंट्रोल नहीं है। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। मानसून की अब तक हुई बारिश में शहर के सभी सेक्टरों की तुलना करें तो अर्बन एस्टेट के सबसे बुरे हालात रहे हैं। जिस प्रकार की प्ला¨नग नगर निगम की ओर से बनाई गई है, इस मानसून अर्बन एस्टेट के लोग अपने घरों से पानी निकालते हुए ही नजर आएंगे।

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार नगर निगम ने जिस कंपनी को बरसाती नालों की सफाई का टेंडर दिया था। उस कंपनी की ओर से केवल मैनहोल साफ किए गए है। कंपनी से जब अधिकारियों ने बरसाती नालों की सफाई करने की बात कहीं तो कंपनी ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि नालों की सफाई उनके टेंडर में शामिल नहीं है। सीएमआइ ने इस संबंध में फाइल तकनीकी विभाग को भेज अपने स्तर पर अर्बन एस्टेट के बरसाती नालों की सफाई करवाने संबंधी लिखा है। जिसकी नो¨टग को एसई से लेकर एक्सईएन अप्रूव कर चुके हैं। इसी कारण अब नगर निगम की ओर बरसाती नालों की सफाई को लेकर एसटीमेंट बनाया गया है और उसकी टैक्नीकल अप्रूवल मिलने के साथ ही बरसाती नालों की सफाई का काम शुरू किया जाएगा। हैरानी की बात यह है कि जब तक टेंडर होगा और वर्क ऑर्डर जारी किए जाएंगे। तब तक मानसून का सीजन खत्म हो जाएगा। मानसून के बाद बरसाती नालों की सफाई का कोई औचित्य ही नहीं बचता है।

ये नेता रहे है अर्बन एस्टेट में . पूर्व मंत्री व राज्यभा सदस्य कुमारी सैलजा

. इनेलो से हिसार के लोकसभा सांसद दुष्यंत चौटाला

. लोकसभा निगरानी कमेटी के अध्यक्ष मंदीप मलिक

. जिला परिषद का पूर्व चेयरमैन - राजेंद्र सूरा

. पूर्व मेयर शकुंतला राजलीवाला

. भाजपा के वरिष्ठ नेता योगेश बिदानी

. भाजपा नेता विजय ठकराल इन सेक्टरों में भी नहीं हुई सफाई

. सेक्टर 27 - 28

. सेक्टर : 16-17

. सेक्टर 13 पी, 13 पी टू

. अर्बन एस्टेट एक और दो

. सेक्टर 16-17

. मेला ग्राउंड

. ओल्ड कोर्ट कॉम्प्लेक्स

. सेक्टर 9-11

. सेक्टर 14

सफाई को लेकर एसई ने दिया यह कमेंट

सेक्टरों के बरसाती नालों की सफाई को लेकर चलाई फाइल संबंध में एसई ने 16 जुलाई को हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कमेंट करते हुए कहा कि सीएसआइ पर्सनली इस मामले में निगम आयुक्त से डिस्कस करें। हैरानी की बात यह है कि आज तक इंजीनिय¨रग ¨वग के सबसे सीनियर अधिकारी ने बरसाती नालों जैसी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। जबकि नियमित एक्सईएन नहीं होने पर उनकी सबसे ज्यादा जिम्मेदारी शहर की व्यवस्था को सुधारने के लिए बनती है। - हमारी ओर से एक बार सेक्टरों के मैनहोल साफ करवाए गए हैं। पूर्ण रूप से सफाई नहीं हुई है। बरसाती नालों को तोड़कर व स्लैब हटाकर साफ करना होगा। इसको लेकर जैसे ही प्रशासनिक अनुमति मिलेगी, टेंडर लगा दिए जाएंगे। एसई को इस मामले के संबंध में जानकारी दे दी गई थी।

- संदीप कुमार, कार्यकारी एक्सईएन, नगर निगम।

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