बहादुरगढ़ बाईपास पर धूप से बचाव के लिए किसान सभा स्थल पर लगाया पांच लाख रुपये की लागत वाला टेंट

कड़ाके की ठंड के बाद अब गर्मी का मौसम आ गया है। तेज धूप किसानों को परेशान कर रही है। धूप की वजह से ही बहादुरगढ़ बाईपास की ऑटो मार्केट में चल रही जनसभा में पिछले कुछ दिनों में किसानों की संख्या कम हो गई थी अब टेंट लगाया गया

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 17 Feb 2021 04:20 PM (IST) Updated:Wed, 17 Feb 2021 04:20 PM (IST)
बहादुरगढ़ बाईपास पर धूप से बचाव के लिए किसान सभा स्थल पर लगाया पांच लाख रुपये की लागत वाला टेंट
बहादुरगढ़ बाईपास पर पांच लाख रुपये की राशि से 80 गुणा 200 फीट आकार का लगाया गया टेंट

बहादुरगढ़, जेएनएन। तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन पर किसान अभी भी डटे हुए हैं। कड़ाके की ठंड के मौसम के बाद अब गर्मी का मौसम आ गया है। तेज धूप अब किसानों को परेशान कर रही है। धूप की वजह से ही बहादुरगढ़ बाईपास की ऑटो मार्केट में चल रही जनसभा में पिछले कुछ दिनों में किसानों की संख्या काफी कम हो गई थी। किसान इधर-उधर छांव का सहारा लेते हुए दिखाई दे रहे थे। ऐसे में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा ग्रुप के नेताओं ने किसानों के लिए टेंट मंगवाने का निर्णय लिया था।

इसी कड़ी में बुधवार को उगराहां ग्रुप की ओर से ऑटो मार्केट में चल रही सभा स्थल पर टेंट लगवा दिया गया है। 80 गुना 200 फीट आकार का यह टेंट लगाया गया है। यूनियन की ओर से पंजाब से यह करीब पांख लाख रुपये में खरीदा गया है और अब इसे सभा स्थल पर लगवाया गा है। साथ ही साउंड सिस्टम और स्टेज भी नई लगाई जा रही है। ग्रुप के प्रदेश उपाध्यक्ष जसविंदर सिंह लोंगोवाल ने बताया कि अब तक वे किराये पर साउंड सिस्टम चला रहे थे। धूप तेज न होने की वजह से खुले में ही सभा चल रही थी। मगर अब उनकी ओर से करीब पांच लाख रुपये खर्च करके साउंड सिस्टम नया कर दिया गया है।

टेंट भी लगवा लिया गया है। स्टेज भी नई तैयार करवाई जा रही है। किसानों को अब तेज धूप में नहीं बैठना पड़ेगा। इससे किसानों की संख्या सभा स्थाल पर बढ़ेगी। सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं कर रही है। ऐसे में आंदोलन और भी लंबा खिंच सकता है। इस वजह से गर्मी से बचने के लिए सभा स्थल पर टेंट लगा दिया गया है और आगे भी आवश्यकता अनुसार किसानों की सुविधाओं के लिए सभी प्रबंध किए जाएंगे। किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। रही बात पानी की समस्या की तो यूनियन व अन्य संस्थाओं की ओर से जगह-जगह आरओ सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं।

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