कभी क्रिकेटर बनना चाहते थे यूएस ओपन ग्रैंडस्लैम का मुख्‍य ड्रा जीतने वाले सुमित नागल

झज्‍जर के टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल ने मंगलवार को ग्रैंडस्लैम इतिहास में पहली बार मुख्य ड्रॉ का मुकाबला जीतकर इतिहास रच दिया। मगर वे कभी क्रिकेटर बनना चाहते थे पढ़ें इनकी कहानी

By Manoj KumarEdited By: Publish:Wed, 02 Sep 2020 05:09 PM (IST) Updated:Wed, 02 Sep 2020 05:09 PM (IST)
कभी क्रिकेटर बनना चाहते थे यूएस ओपन ग्रैंडस्लैम का मुख्‍य ड्रा जीतने वाले सुमित नागल
कभी क्रिकेटर बनना चाहते थे यूएस ओपन ग्रैंडस्लैम का मुख्‍य ड्रा जीतने वाले सुमित नागल

हिसार, जेएनएन। खेल कोई भी क्‍यों न हो हरियाणा का नाम जुबान पर आ ही जाता है। पहलवानों की धरती कहे जाने वाले हरियाणा में अब दूसरे खेलों में खिलाड़ी अपना दमखम दिखा रहे हैं। इसी कड़ी में एक नाम झज्‍जर के सुमित नागल का भी है। देश के सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग के पुरुष सिंगल्स टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल ने मंगलवार को ग्रैंडस्लैम इतिहास में पहली बार अपना मुख्य ड्रॉ का मुकाबला जीतकर इतिहास रच दिया है। नागल ने यूएस ओपन के अपने पहले दौर में विश्व रैंकिंग में 129वें स्थान पर काबिज अमेरिका के ब्राडले क्लान को हराकर यह उपलब्धि हासिल की है। हर ओर उनकी चर्चा है।

इतना ही नहीं बल्कि इससे पहले भी नागल टेनिस के प्रतिष्ठित ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट अमेरिकी ओपन के अंतिम क्वॉलीफाइंग दौर में जीत हासिल करने के बाद मुख्य ड्रा में जगह बनाने में सफल हुए थे। सुमित नागल झज्जर के ही गांव जैतपुर के रहने वाले हैं। पहले ही राउंड में उनका सामना दिग्गज खिलाड़ी और तीसरी वरीयता प्राप्त रोजरर फेडरर से हुआ था और उन्‍होंने कड़ी टक्‍कर दी थी। फेडरर ने भी नागल की तारीफ की थी। मगर हैरानी वाली बात ये है कि टेनिस में इतनी महारत हासिल करने वाले सुमित नागल कभी क्रिकेटर बनना चाहते थे और पिता को क्रिकेट पसंद नहीं था। पढ़ें उनकी सफलता और संघर्ष की कहानी.......

सुमित के पिता सुरेश नागल सेना से सेवानिवृत्त हवलदार एवं वर्तमान में दिल्ली में बतौर शिक्षक कार्यरत हैं। वे इस बार भी बेहद उत्साहित हैं। फेडरर से मुकाबले के दौरान भी पिता ने बेटे सुमित को सीख देते हुए बस इतना कहा था कि उस क्षण का लुत्फ उठाना और अपने बेहतर शॉट खेलना। सुमित की माता कृष्णा एवं शिक्षिका बहन साक्षी का सपना है कि वह यह खिताब जीतें। देश का नाम रोशन करे।

सुमित बनना चाहते थे क्रिकेटर, पिता टेनिस के शौकीन

जिला झज्जर के जैतपुर गांव में 16 अगस्त, 1997 को जन्मे सुमित क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन सेना की शिक्षा कोर से हवलदार के रूप में सेवानिवृत्त पिता सुरेश नागल को यह खेल पसंद नहीं था। वे खुद टेनिस के शौकीन हैं और चाहते थे कि बेटा भी टेनिस खेले। अपनी इस इच्छा को वे उस पर थोपना नहीं चाहते थे, इसलिए उन्होंने एक दिन सुमित से कहा, वे उसे स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स लेकर चलेंगे। सात साल की उम्र में पिता के साथ स्पोर्टस कॉम्प्लेक्स गया सुमित जब वापिस लौटा तो कदम टेनिस की तरफ बढ़ चुके थे।

साढ़े नौ साल की उम्र में महेश भूपति ने परख ली थी प्रतिभा

साढ़े नौ साल की उम्र में एक कंपनी के स्तर पर नई प्रतिभाओं के चयन की प्रक्रिया के दौरान महेश भूपति ने सुमित रूपी इस हीरे को तराशने का जिम्मा उठाया। अप्रैल, 2008 में सुमित नागल महेश भूपति की बेंगलुरू स्थित एकेडमी में ट्रेनिंग लेने के लिए चले गए। कंपनी का प्रोजेक्ट समाप्त हो जाने के बाद भूपति ने उनकी पूरी जिम्मेदारी लेने का फैसला कर लिया जो कि अब तक बदस्तूर जारी है। राफेल नडाल को अपना प्रेरणा मानने वाले सुमित के कॅरियर को भूपति ने ही आकार दिया है।

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