पिता के बलिदान पर बेटे ने गाया... ओ देश मेरे तेरी शान पे सदके, सतपाल सिंह की अंतिम यात्रा में उमड़ा सैलाब
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में जवान सतपाल सिंह प्रेशर आइईडी की चपेट में आने से बलिदान हो गया था। पार्थिव शरीर वीरवार देर शाम बोहर गांव में पहुंचा। घर के आंगन में बलिदानी सतपाल सिंह के छह वर्षीय बेटे जियेश ने पिता के बलिदान पर गर्व करते हुए देशभक्ति गीत गाया।
रोहतक, विनीत तोमर। घर के आंगन से लेकर गली और दूर सड़क तक महिला-पुरुषों की भारी भीड़ थी। आंगन में कोहराम मचा हुआ था और गलियों में खड़े युवा और बुजुर्गों की निगाह उस रास्ते को ताक रही थी जिससे बलिदानी सतपाल सिंह का पार्थिव शरीर आना था।
इन माँ और बेटे को सलाम…
घर की दहलीज पर कुछ देर बाद पति का पार्थिव शरीर आना था। चारों तरह महिला और पुरुषों का जमावड़ा लगा हुआ था। तभी उस घर के आंगन से तुतलाती आवाज में एक देशभक्ति गीत गाया.... ओ देश मेरे तेरी शान पे सदके गूंजने लगता है। #son_of_martyr #Satpalsingh pic.twitter.com/iOjyx1Lv5h
— Naveen Dalal (@NaveendalalHR) September 30, 2022
बेटे ने गाया गाना
घर के आंगन में एकाएक उस समय हर किसी की आंखों से आंसुओं का दरिया फूट पड़ा जब बलिदानी सतपाल सिंह के छह वर्षीय बेटे जियेश ने पिता के बलिदान पर गर्व करते हुए देशभक्ति गीत ....ओ देश मेरे तेरी शान पे सदके कोई धन है क्या तेरी झूल से बढ़के, तेरी धूप से रोशन तेरी हवा पे जिंदा तु बाग है मेरा मैं तेरा परिंदा... गाना शुरू किया। हैरानी की बात यह था कि बलिदानी सतपाल सिंह की पत्नी ने भी अपना हौसला नहीं खाेया।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बलिदानी जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा देर शाम
उन्होंने खुद बेटे को कहा कि बेटा तेरे पापा ने देश का नाम रोशन किया है। उन्हें सम्मान के साथ विदाई देना। इतना कहते ही वह भी बिलख पड़ी। जिसके बाद जियेश कुछ देर तक गाना गाकर मां की हिम्मत बढ़ाता रहा। ऐसी दुख की घड़ी में मासूम जियेश और उसकी मां के इस हौसले को देखकर हर किसी की आंखे नम थी। दरअसल, छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सीआरपीएफ के जवान सतपाल सिंह का पार्थिव शरीर वीरवार देर शाम बोहर गांव में पहुंचा। जिनका बुधवार को प्रेशर आइईडी की चपेट में आने से बलिदान हो गया था। उधर, ग्रामीणों का कहना था कि जब से गांव बसा है तब से सतपाल सिंह पहले बलिदानी है।
मुझे ऐसे पापा मिले, अब मैं करूंगा दादा-दादी की सेवा
नम आंखों से जियेश बार-बार कह रहा था कि मम्मी मुझे ऐसे पापा मिले है, जो हर किसी को नहीं मिले। मैं भी अपने पापा की तरह दादा-दादी की सेवा करूंगा। मासूम जियेश की ऐसी बातें सुनकर हर हैरान था। वहीं चार साल की मासूम नीयति बार-बार अपने पिता को याद कर रही थी। वह बस यही कह रही थी कि जब पापा आएंगे तो उनसे शिकायत करेंगी कि इतने दिन से क्यों नहीं आए। अब उस मासूम को क्या पता था कि उसके पापा ऐसी जगह जा चुकी है जो कभी वापस नहीं आएंगे।
बलिदानी सतपाल सिंह को दी नम आंखों से विदाई, अंतिम यात्रा में उमड़ा सैलाब
जागरण संवाददाता, रोहतक : छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बलिदान देने वाले सीआरपीएफ के जवान सतपाल सिंह का पार्थिव शरीर वीरवार देर रात गांव में पहुंचा। पार्थिव शरीर के गांव में पहुंचते ही उनके स्वजनों में कोहराम मच गया। उनकी अंतिम यात्रा में भीड़ का सैलाब उमड़ पड़ा। नम आंखों के साथ उन्हें सम्मान के साथ विदाई दी गई। सीआरपीएफ के जवानों ने भी उन्हें गार्ड आफ आनर दिया। इस दौरान गांव की गलिया बलिदानी सतपाल सिंह अमर रहे के नारों से गूंज उठी।
दरअसल, सतपाल सिंह ने वर्ष 2012 में सीआरपीएफ ज्वाइन की थी। उनकी तैनाती फिलहाल छत्तीसगढ़ के बीजापुर में थी। बुधवार को प्रेशर आइईडी की चपेट में आने से वह बलिदानी हो गए थे। देर रात जैसे ही उनका पार्थिव शरीर सीआरपीएफ के जवान लेकर पहुंचे। सीआरपीएफ आइजी मूलचंद पवार ने उनके आवास पर पहुंचकर परिवार को सांत्वना दी। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सतपाल सिंह के बलिदान पर उन्हें गर्व है।
कुछ देर पार्थिव शरीर को घर पर रखा गया, जिसके बाद पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्रपाल सिंह और एसडीएम राकेश कुमार सैनी और भाजपा नेता सतीश नांदल ने भी पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्दांजलि दी। बता दें, सतपाल सिंह की शादी 2016 में हुई थी। उनका छह वर्षीय बेटा और चार वर्षीय बेटी है। तीन भाइयों में सतपाल सबसे छोटे थे। उनके सबसे बड़े भाई ललित सीआरपीएफ में है और ललित से छोटा भाई मुकेश प्राइवेट नौकरी करता है। सतपाल के पिता गुप्तचर विभाग रोहतक में तैनात थे और 2014 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं।